Bihar Politics News: कड़ाके की ठंड के बीच सियासी पारा गर्म, राज्यपाल आर्लेकर से मिले मंत्री चौधरी, भाजपा ने की बैठक, सीएम नीतीश से मिले लालू और तेजस्वी
By एस पी सिन्हा | Published: January 19, 2024 05:55 PM2024-01-19T17:55:03+5:302024-01-19T17:57:38+5:30
Bihar Politics News Lok Sabha Elections 2024: बैठक को अब नीतीश कुमार और तेजस्वी-लालू की मुलाकात से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
पटनाः बिहार में पड रही कड़ाके की ठंड के बीच सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा के द्वारा अचानक बुलाई गई विधान मंडल दल की बैठक के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। इस बैठक को अब नीतीश कुमार और तेजस्वी-लालू की मुलाकात से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर हुई। हालांकि, बैठक के बाद कहा गया कि इसमें मुख्य रूप से नए मतदाताओं से पीएम मोदी के संवाद कार्यक्रम की तैयारी पर चर्चा हुई है। इसके लिए सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को नए मतदाताओं से संपर्क स्थापित करने की जिम्मेवारी दी गई है।
हम सभी 40 सीट पर उनके हराएंगेः चौधरी
वहीं, बैठक के बाद बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन मजबूती से लड़े, हम सभी 40 सीट पर उनके हराएंगे। वहीं नीतीश कुमार के एनडीए में स्वागत करने के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि जब नीतीश कुमार भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे तभी हम उनका स्वागत करेंगे।
वहीं लालू-तेजस्वी और नीतीश की मुलाकात पर सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि कौन किसका पैर पकड़ता है। उधर, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इस बैठक में बिहार की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है। बैठक में विधानमंडल सत्र की तैयारी को लेकर भी चर्चा की गई है। इस सत्र में जनता की भावना से सरकार को अवगत कराएंगे और जरूरी मुद्दे उठायेंगे।
22 जनवरी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर हम लोग दीपावली मनाएंगे
विजय सिन्हा ने कहा कि 29 जनवरी को बिहार से सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद अयोध्या के लिए रवाना होंगे। बाद मे आम लोगो को भी ले जाया जाएगा। वहीं इस बैठक को लेकर बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल हरी सहनी ने कहा कि विधानमंडल के सत्र मे जनता की समस्या उठाएंगे। 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर हम लोग दीपावली मनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार की मौजूदा करवट लेती सियासत में भाजपा भले ही खुलकर कुछ बोलने से परहेज कर रही है। लेकिन, अंदरखाने नीतीश को लेकर नरम रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी हो या अन्य नेता नीतीश कुमार को लेकर अपने बयानों में सख्ती नहीं दिखाते।
इस बीच सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को हुई बैठक में विधायकों को भी यह संदेश दिया गया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ मुद्दों के आधार पर सवाल भले उठाए जाए। लेकिन, व्यक्तिगत हमले ना किया जाए। इसके साथ बिहार में कानून-व्यवस्था और अपराध के मुद्दे पर राजद पर सवाल खड़े किए जाए। लेकिन तीखा हमला करने से परहेज किया जाए।
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में क्या है ऑल इज वेल, सियासी गतिविधियों से अटकलों का बाजार हुआ गर्म
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा भले ही महागठबंधन में ऑल इज वेल का संदेश दिया जा रहा है, लेकिन लालू की नीतीश से हुई मुलाकात को बिहार में बड़ी राजनीतिक करवट रोकने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
सूबे में जारी सियासी गहमागहमी के बीच नीतीश सरकार में वरिष्ठ मंत्री अशोक चैधरी राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की है। हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि अशोक चौधरी राजभवन में भवन निर्माण विभाग की तरफ से कराए जा रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे।
नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी को लेकर आलाकमान फैसला लेता है तो...
दरअसल, अशोक चौधरी का राज्यपाल से मुलाकात की टाइमिंग ऐसी है कि तरह- तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि आगे आगे देखिए होता है क्या? भाजपा के स्थानीय नेताओं का कहना है कि अगर नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी को लेकर आलाकमान फैसला लेता है तो वे उसका स्वागत करेंगे।
उधर, भाजपा के विधानमंडल दल की बैठक नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर हुई। वहीं, जदयू विधायकों को पटना में रुकने को कहा गया है। यही आदेश जीतन राम मांझी की ओर से अपनी पार्टी के विधायकों को दिया गया है। जीतन राम मांझी ने कहा है कि लगता है लालू जी को इस बारे में भनक लग गई है।
इसलिए दोनों बाप बेटा गए हैं नीतीश कुमार को मनाने कि ऐसा ना करें। निश्चित रूप से हमें उम्मीद है और हमें तो यहां तक मालूम है कि नीतीश कुमार ऑलमोस्ट एनडीए में आने को तैयार हो गए हैं। इस बारे में भाजपा का जो भी निर्णय होगा, उसके साथ हम लोग हैं क्योंकि हम लोग एनडीए के पार्टनर हैं।
नीतीश कुमार के एनडीए में आने से कोई दिक्कत नहीं
ऐसे में जिस तरह की राजनीतिक गतिविधियां पटना में चल रही हैं, उससे लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन से लेकर 25 जनवरी तक राज्य में बड़ा खेला होने वाला है। वहीं, लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान की ओर से भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। जदयू विधायकों को पटना में रहने का निर्देश, उपेंद्र कुशवाहा-चिराग पासवान और जीतनराम मांझी की बैठक, भाजपा विधानमंडल दल की बैठक। ये सब चीजें एक साथ हो रही हैं। यानी कुछ बड़ा होने वाला है। ऐसे में लोग अनुमान लगा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले पटना बड़ी राजनीतिक हलचल का गवाह बन सकता है।