पटनाः बिहार के अररिया जिले में पत्रकार की हुई हत्या की घटना के बाद लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार खुद को असहाय महसूस कर रही है और बिहार में अपराधियों का बोलबाला है। उन्होंने हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है।
चिराग ने कहा कि अपराधियों की जड़ें मजबूत हो गई हैं। 14 अगस्त को पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या की गई और आज लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला किया गया। इससे साफ प्रतीत होता है कि बिहार में कानून के रखवाले और पत्रकार सुरक्षित नहीं है। ऐसे में बिहार के आम लोग अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?
पटना में एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अभी तक ना तो पुलिस कर्मी के परिजनों से और ना ही पत्रकार के परिजनों से ही मुलाकात की। नीतीश कुमार को अब बिहार की चिंता नहीं है। नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी की चिंता है। कुर्सी की चिंता में वह दिल्ली जाकर लोगों की जी हुजूरी कर रहे हैं।
बिहार के पुलिस जवानों में क्षमता है कि वह अकेले अपने सीने पर गोली खा सकते हैं, लड़ने की क्षमता है। लेकिन वह चिंतित है कि हमारे जान जाने के बाद परिवार का क्या होगा? नीतीश कुमार अभी तक इस मामले पर क्यों नहीं बोल रहे हैं? उन्होंने कहा कि बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. ऐसे में बिहारी कहां जाएंगे।
अब तक आम बिहारी की हत्या हो रही थी, लेकिन अब पुलिस अधिकारी और पत्रकार की हत्या होने लगी है. इसके बाद भी सीएम अभी तक खामोश क्यों हैं? नीतीश कुमार पर तंज करते हुए चिराग ने कहा कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री बड़े ज्ञान की बात गांधी मैदान में कर रहे थे। मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ गृह विभाग भी इनके पास है, लेकिन अभी तक पुलिस अधिकारी की हत्या पर चुप क्यों हैं?
हकीकत यह है कि अपराधियों ने बिहार को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले लिया है। आमलोगों के साथ ही पुलिस और पत्रकार को सरेआम गोली मार हत्या कर दी जा रही है और नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार में क्राइम नहीं हो रहा है। समस्तीपुर में थानेदार नंदकिशोर यादव की अपराधियों ने हत्या कर दी। जब पुलिस और पत्रकार सुरक्षित नहीं हो तो आम लोगों के बारे में क्या कहा जाए।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के सवाल पर चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार अटलजी के सिद्धांत और व्यवहार की बात करते हैं पर वे लगातार जनता के जनादेश का अपमान करते हैं। वे इंडिया गठबंधन के जरिए एनडीए को हराने की बात कह रहें हैं, पर उनका अभियान रंग लानेवाला नहीं है। वे आंख का इलाज कराने के बहाने वे दिल्ली में अपने सहयोगियों दलों को आंख दिखाने गए थे।
पर उन्हें किसी तरह का भाव नहीं मिला। चाचा पारस के हाजीपुर सीट पर हर हाल मे चुनाव लड़ने के बयान पर चिराग ने कहा कि वे एनडीए में शामिल होने से पहले अपनी सारी शर्तों से भाजपा को अवगत करा दिया है। चुनाव के समय गठबंधन के किस दल को कौन सी सीटें मिलेगी? ये गठबंधन के अंदर बातचीत के दौरान फैसला होगा। सार्वजनिक रूप से इस पर बयानबाजी को कोई मतलब नहीं है।