ओलंपिक गोल्ड मेडल के लिये अलमारी में जगह खाली रखी है: पीवी सिंधु
By भाषा | Published: September 12, 2019 01:07 PM2019-09-12T13:07:30+5:302019-09-12T13:07:30+5:30
PV Sindhu: हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय बनीं पीवी सिंधु ने कहा है कि उनकी नजरें 2020 ओलंपिक में गोल्ड जीतने पर है
नई दिल्ली, 12 सितंबर: शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक ने रियो ओलंपिक को छोड़कर पिछले सभी फाइनल में हारने के जख्म को भर दिया है और उन्हें उम्मीद है कि अगले साल तोक्यो में वह इस कमी को भी पूरा कर लेंगी जिसके लिये उन्होंने ट्रॉफियों की कैबिनेट में एक जगह खाली रखी है।
ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु ने बासेल में अपने लगातार तीसरे फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7 21-7 से हराकर विश्व चैंपियनशिप का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता।
इस ऐतिहासिक दिन से पहले 24 साल की इस भारतीय को रियो ओलंपिक, विश्व चैम्पियनशिप (2017, 2018), 2017 दुबई सुपर सीरीज फाइनल्स, 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता एशियाई खेलों के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत से दिया आलोचकों को जवाब: पीवी सिंधु
सिंधु ने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह (विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण) उन सभी शिकस्त की भरपायी है। लोग फाइनल में हारने के मेरे डर के बारे में बात करते रहे हैं कि फाइनल में मैं कैसे दबाव में आज जाती हूं। लेकिन अब मैं कह सकती हूं कि मैंने अपने रैकेट से जवाब दिया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ओलंपिक पूरी तरह से अलग हैं। रियो (ओलंपिक) और विश्व चैम्पियनशिप ने मुझे अलग तरह की यादें दीं। लेकिन हां अभी एक स्वर्ण पदक और जीतना है। इसके लिये निश्चित रूप से मैं कड़ी मेहनत करूंगी और तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगी।’’
ओलंपिक गोल्ड के लिए मेरे कैबिनेट में एक स्थान खाली है: सिंधु
सिंधु ने हसंते हुए कहा, ‘‘उस स्वर्ण पदक (ओलंपिक) के लिए मेरी कैबिनेट में एक स्थान खाली है। ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन चल रहे हैं और इस जीत से आगे बढ़ने के लिये मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। ’’
उन्होंने हालांकि कहा कि तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक की डगर काफी कठिन होगी क्योंकि अब उनकी प्रतिद्वंद्वी उनकी कमजोरियों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगी और सफलता हासिल करने के लिए उन्हें अपने गेम में कुछ नया करने की जरूरत होगी।
सिंधु ने कहा, ‘‘2016 में (रियो) मेरा पहला ओलंपिक था और तब मुझे कोई ज्यादा नहीं जानता था। मैं खिलाड़ियों में से महज एक थी। लेकिन रियो के बाद सब कुछ बदल गया और अब विश्व चैम्पियनशिप के बाद हर कोई नयी चीजों को सीखने की कोशिश करेगा। मुझे भी प्रत्येक टूर्नामेंट में नयी चीजों को सीखना चाहिए क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के पास मेरे लिए भी कुछ तरह की रणनीति होगी।’’
अपनी ट्रेनर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं किम के साथ काम कर रही हूं। उन्होंने मुझमें कुछ बदलाव किये हैं और इससे मुझे मदद मिली। लेकिन अब मुझे कुछ नयी चीजें सीखनी हैं। मुझे नेट-प्ले पर काम करने की जरूरत है।’’
विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान से सिंधु ने ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन में अपना स्थान लगभग पक्का कर दिया है। जब तोक्यो ओलंपिक का ड्रॉ होगा तो ऊंची रैंकिंग निश्चित रूप से उन्हें शीर्ष खिलाड़ियों से भिड़ंत से बचाने में मदद करेगी।
इस बारे में सिंधु ने कहा, ‘‘रैंकिंग मायने रखती है क्योंकि ड्रॉ इसी पर निर्भर होगा लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचती क्योंकि अगर मैं अच्छा खेल सकती हूं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और फिर अंत में आपको इन शीर्ष खिलाड़ियों को फिर से हराकर स्वर्ण हासिल करना होगा।’’