जकार्ता, 26 अगस्त: साइना नेहवाल के बाद रियो ओलंपिक की सिल्वर गर्ल पीवी सिंधु ने भी विमेंस सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह पक्की करते हुए भारत के लिए एक मेडल तय कर लिया है। सिंधु ने रविवार को कड़े क्वॉर्टर फाइनल में मुकाबले थाईलैंड की निचाओन जिंडापोल को 61 मिनट में 21-11, 16-21, 21-14 से हराया। एशियन गेम्स के इतिहास में यह पहली बार है जब भारत की दो महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही हैं।
सिंधु ने इंडोनेशिया की ग्रेगोरिया मार्सिका तुंनजुंग को 34 मिनट चले मुकाबले में 21-12, 21-15 से हराया था। सिंधु से पहले साइना नेहवाल ने भी विमेंस सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह पक्की की। साइना ने रविवार को क्वॉर्टर फाइनल में थाईलैंड की इंतानोन रैतचानोक को 42 मिनट चले मुकाबले में 21-18, 21-16 से हराया। एशियन गेम्स के इतिहास में यह पहली बार है जब बैडमिंटन के विमेंस सिंगल्स में भारत ने कोई पदक पक्का किया है।
साथ ही 1982 के बाद पहली बार बैडमिंटन के एकल स्पर्धा में भारत की झोली में कोई पदक आना पक्का हो गया है। इससे पहले 1982 में दिल्ली में हुए एशियन गेम्स में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सैयद मोदी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
मेंस सिंगल्स में भारत की चुनौती पहले ही समाप्त हो गई है। मेंस सिंगल्स में भारक के लिए मेडल के बड़े दावेदार किदांबी श्रीकांत और एच एस प्रणॉय को राउंड ऑफ-32 में पुरुष एकल के अपने मुकाबलों में हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। साथ ही मेंस और विमेंस डबल्स में भी भारत की चुनौती शनिवार को खत्म हो गई थी। वहीं, टीम स्पर्धा के पुरुष और महिला दोनों वर्गों में भारतीय टीम को निराशा झेलनी पड़ी थी।