राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि पायरोलिसिस (किसी सामग्री को उच्च तापमान पर ऑक्सीजन के बिना विघटित करना) उद्योग में इस्तेमाल के लिए आयातित खराब टायरों पर अंकुश लगाया जाए ताकि भारत दूसरे देशों के खतरनाक कचरे का घर नहीं बन पाए।एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पायरोलिसिस की प्रक्रिया में उच्च स्तर का प्रदूषण होता है और इस प्रक्रिया में शामिल कामगारों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता है। पीठ ने कहा, ‘‘यह मामला खतरनाक कचरा प्रबंधन नियमों के तहत आता है इसलिए आयात पर प्रतिबंध और इस तरह की इकाइयों के स्थान के नियमन की जरूरत है।’’पीठ ने कहा, ‘‘इसी के मुताबिक सीपीसीबी मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद उचित निर्देश जारी कर सकता है। आयात पर प्रतिबंध को लेकर भी निर्देश होना चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भारत दूसरे देशों के अति प्रदूषित खतरनाक कचरों का घर नहीं बन जाए। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रक्रिया में संलिप्त कामगारों के स्वास्थ्य की भी रक्षा हो सके।’’अधिकरण गैर सरकारी संगठन ‘सोशल एक्शन फार फारेस्ट एंड एनवायरमेंट (सेफ)’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें पायरोलिसिस उद्योग में ऐसे टायरों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है जिनका जीवन चक्र पूरा हो गया है।
खराब टायरों के आयात पर लगे रोक नहीं तो भारत बन जाएगा दूसरे देशों के कचरे का घर: NGT
By भाषा | Updated: September 21, 2019 05:56 IST
अधिकरण गैर सरकारी संगठन ‘सोशल एक्शन फार फारेस्ट एंड एनवायरमेंट (सेफ)’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें पायरोलिसिस उद्योग में ऐसे टायरों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है जिनका जीवन चक्र पूरा हो गया है।
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ठळक मुद्देपीठ ने कहा, ‘‘इसी के मुताबिक सीपीसीबी मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद उचित निर्देश जारी कर सकता है।आयात पर प्रतिबंध को लेकर भी निर्देश होना चाहिए ।