ठळक मुद्देपिछले कुछ महीने से ऑटो इंडस्ट्री मंदी के बुरे दौर से गुजर रही है।इसकी मांग में कमी के पीछे नोटबंदी का असर, जीएसटी की ऊंची टैक्स दरों को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। सियाम के अनुसार लगभग 13 लाख लोगों की नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आर.सी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कंपनी अपने यहां कांट्रेक्ट (अस्थायी) पर काम कर रहे 3000 कर्मचारियों का कार्यकाल अब आगे नहीं बढ़ाएगी। यह फैसला कंपनी ने ऐसे समय में लिया है जब ऑटो इंडस्ट्री डिमांड में भारी गिरावट के दौर से गुजर रही है।
ऑटो मैन्युफैक्चर्स संगठन सियाम ने कहा था कि स्लोडाउन के कारण ऑटो कंपनियां अब तक करीब 20 हजार लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। जबकि 13 लाख लोगों की नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है।
दरअसल पिछले कुछ महीने से ऑटो इंडस्ट्री मंदी के बुरे दौर से गुजर रही है। इसकी मांग में कमी के पीछे नोटबंदी का असर, जीएसटी की ऊंची टैक्स दरें, बीमा की ऊंची लागत को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।