मारुति के पूर्व MD जगदीश खट्टर के खिलाफ 110 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का मामला दर्ज

By भाषा | Published: December 24, 2019 04:06 PM2019-12-24T16:06:21+5:302019-12-24T16:06:21+5:30

प्राथमिकी में कहा गया है कि इस मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बैंक के अधिकारियों ने कथित रूप से स्टॉक का मासिक सत्यापन नहीं किया। बैंक ने अपनी शिकायत में पांच आरोपियों का उल्लेख किया है।

Ex-Maruti MD Jagdish Khattar booked for Rs 110 crore bank loan fraud CBI | मारुति के पूर्व MD जगदीश खट्टर के खिलाफ 110 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का मामला दर्ज

फोटो क्रेडिट: ट्वीटर

Highlightsजांच एजेंसी ने पीएनबी की शिकायत पर खट्टर और उनकी कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।बैंक की ओर से किए गए फॉरेंसिक आडिट से पता चलता है कि 66.92 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां बिना उसकी मंजूरी के 4.55 करोड़ रुपये में बेची गईं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मारुति उद्योग के पूर्व प्रबंध निदेशक जगदीश खट्टर के खिलाफ बैंक ऋण धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि खट्टर की नयी कंपनी ने बैंक ऋण धोखाधड़ी की है। सीबीआई ने हाल में दर्ज प्राथमिकी में खट्टर और उनकी कंपनी कारनेशन आटो इंडिया लि. के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 110 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। 

सीबीआई ने सोमवार शाम को 77 वर्षीय खट्टर और उनकी कंपनी कारनेशन आटो के परिसरों पर छापेमारी की थी। खट्टर 1993 से 2007 तक मारुति उद्योग लि. से जुड़े रहे। वह कंपनी के प्रबंध निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद खट्टर ने कारनेशन आटो की शुरुआत की। इसके लिए 2009 में उन्हें 170 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया। 

प्राथमिकी में कहा गया है कि इस ऋण को 2015 में गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित कर दिया गया। यह निर्णय 2012 से प्रभावी बनाया। सीबीआई का आरोप है कि खट्टर और उनकी कंपनी ने धोखाधड़ी से बैंक के पास बंधक रखे सामान को बेच दिया। इसके लिए बैंक की अनुमति नहीं ली गई। 

बैंक की ओर से किए गए फॉरेंसिक आडिट से पता चलता है कि 66.92 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां बिना उसकी मंजूरी के 4.55 करोड़ रुपये में बेची गईं। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि खट्टर ने बिक्री से प्राप्त इस राशि को बैंक के पास जमा नहीं कराया और बेईमानी और धोखाधड़ी से इसे अनुषंगियों और अन्य संबद्ध इकाइयों को स्थानांतरित कर दिया। 

प्राथमिकी में कहा गया है कि इस मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बैंक के अधिकारियों ने कथित रूप से स्टॉक का मासिक सत्यापन नहीं किया। बैंक ने अपनी शिकायत में पांच आरोपियों का उल्लेख किया है। इसमें खट्टर आटो इंडिया प्राइवेट लि., कारनेशन रियल्टी प्राइवेट लि. और कारनेशन इंश्योरेंस ब्रोंकिंग कंपनी प्राइवेट लि. का नाम भी शामिल है। लेकिन सत्यापन की प्रक्रिया में इनकी इस मामले में कोई प्रत्यक्ष भूमिका दिखाई नहीं दी। 

जांच एजेंसी ने पीएनबी की शिकायत पर खट्टर और उनकी कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

Web Title: Ex-Maruti MD Jagdish Khattar booked for Rs 110 crore bank loan fraud CBI

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