गाड़ी सीज कर पुलिस खुद कर रही थी इस्तेमाल, पता चलते ही मालिक ने इस जुगाड़ से घर से बैठे पुलिसकर्मियों को कार के भीतर ही कर दिया 3 घंटे के लिए लॉक
By रजनीश | Published: March 5, 2020 03:48 PM2020-03-05T15:48:00+5:302020-03-05T15:56:42+5:30
नई लॉन्च हो रही कारों में काफी लेटेस्ट टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये टेक्नॉलॉजी जितनी आरामदायक होती हैं कई बार यही नई टेक्नॉलॉजी मुसीबत भी बनकर सामने आ जाती हैं।
तीन पुलिसकर्मी बुधवार को उस समय मुसीबत में पड़ गए जब तीनों एक कार में बंद हो गए। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में तैनात एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल एक एसयूवी कार से लखीमपुर जिले के नई बस्ती नामक गांव गए हुए थे। यह गांव राजधानी लखनऊ से 143 किलोमीटर दूर स्थित है।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक जिस एसयूवी कार को पुलिसकर्मी अपने कार्य के लिए इस्तेमाल में ला रहे थे इस कार को मंगलवार को सीज किया जा चुका था। इसी कार से तीनों पुलिसकर्मी दो पक्षों के बीच मामले को सुलझाने के लिए लखीमपुर गए थे।
कार मालिक की जिस सीज की हुई कार से पुलिसकर्मी लखीमपुर गए हुए थे तो कार मालिक ने जीपीएस में देखा कि उसके कार की लोकेशन लखीमपुर दिख रही है जबकि कार उसकी लखनऊ में सीज की गई थी। कार की बदली हुई लोकेशन देख मालिक ने अपनी कार को लॉक कर दिया। बस फिर क्या था कि पुलिसकर्मी कार के भीतर ही फंस गए।
इस घटना के बाद कार मालिक ने लखनऊ पुलिस के पास अपनी कार के गलत इस्तेमाल की शिकायत भी दर्ज कराई। लखनऊ पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे के कार्यालय की तरफ से दिए गए एक बयान में कहा गया कि गोमतीनगर एसएचओ प्रमेंद्र कुमार सिंह को घटना की जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। दोषियों के खिलाफ कर्रवाई की जाएगी।
एक एक्सपर्ट के मुताबिक जीपीएस युक्त लॉकिंग सिस्टम कार को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यदि कार मालिक को लगता है कि उसकी कार सुरक्षित हाथों में नहीं है तो कार के माइक्रो कंट्रोलर को मैसेज भेज सकता है जिससे कार के इंजन को बंद और उसके दरवाजों को लॉक किया जा सकता है। इसके बाद कार दोबारा तभी स्टार्ट होगी जब कार मालिक माइक्रो कंट्रोलर को पासवर्ड नहीं भेजता।