भारत सरकार ने विदेशीपरक व्यक्तियों को प्रमुख आर्थिक पदों पर नियुक्त करके यह सुनिश्चित किया है कि ये लोग भारत के हितों को न बढ़ाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हितों को बढ़ाएंगे. ...
व्हिप यानी चाबुक. इस व्यवस्था के अंतर्गत हर पार्टी में किसी एक सांसद को व्हिप के रूप में नामित किया जाता है. व्हिप की जिम्मेदारी होती है कि प्रमुख विषयों पर चर्चा के समय पार्टी के सभी सांसदों का संसद में उपस्थित होना सुनिश्चित करे. ...
विदेशी निवेशकों को पूंजी लाने की तथा चीनी नागरिकों को पूंजी बाहर ले जाने की खुली छूट दी गई. इस नीति का आधार था कि विकसित देशों में पर्याप्त मांग थी. अब परिस्थितियां बदल गई हैं. विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर न्यून हो गई है. वहां माल की मा ...
प्रधानमंत्नी द्वारा बताई गई ये उपलब्धियां सही दिखती हैं और इन्हें हासिल करने के लिए उन्हें बधाई. लेकिन अर्थयवस्था की मूल स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं दिखती है. ...
भारत के श्रमिक वर्ग के लिए इस समय एक बड़ा मुद्दा यह है कि बहुचर्चित श्रम-सुधार किस दिशा में जा रहे हैं. सुधार का सामान्य अर्थ पहले की स्थिति को बेहतर करना होता है ...
वर्तमान वर्ष में केंद्र एवं राज्य सरकारों का विकास कार्यो का कुल बजट लगभग 24 लाख करोड़ रु. प्रति वर्ष है. इसमें से यदि 20 प्रतिशत जरूरी कार्यो को छोड़ कर शेष 80 प्रतिशत योजनाओं को रद्द कर दिया जाए तो हमारी सरकारों को 19 लाख करोड़ रु. की विशाल रकम उपल ...
2018-19 में अब तक केंद्र सरकार लगभग 100 हजार करोड़ रु. की पूंजी उपलब्ध करा चुकी है. ये रकमें सरकारी बैंकों को इसलिए उपलब्ध करनी पड़ीं क्योंकि इनके द्वारा घाटा खाया जा रहा था और इनके डूबने की शंका थी. ...