अदालत आदेश का पालन नहीं किया एसडीएम, कुर्सी, फर्नीचर और कंप्यूटर सहित चल संपत्ति को कुर्क, जानें माजरा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 27, 2024 08:55 AM2024-04-27T08:55:48+5:302024-04-27T08:56:28+5:30
वकील और याचिकाकर्ता कपिल त्यागी ने कहा कि जिला न्यायाधीश सुरेंद्र मेश्राम ने मार्च 2024 में सरकारी अधिकारियों को आदेश को लागू करने का आखिरी मौका दिया।
विदिशाः विदिशा जिले की एक अदालत ने एक उप-विभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) की कुर्सी और अन्य आधिकारिक चल संपत्तियों को कुर्क किया है। एसडीएम ने पिछले साल के अदालत के आदेश का पालन नहीं किया था, जिसमें पांच लोगों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। इन पांचों की जमीन 2011 में सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी। दिसंबर 2023 में, एक किसान सहित इन पांच लोगों ने सिरोंज में जिला अदालत का रुख किया था। पांचों ने दावा किया कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया है। शुकवार को एक वकील और याचिकाकर्ता कपिल त्यागी ने कहा कि जिला न्यायाधीश सुरेंद्र मेश्राम ने मार्च 2024 में सरकारी अधिकारियों को आदेश को लागू करने का आखिरी मौका दिया।
त्यागी ने बताया कि आदेश का पालन न होने पर न्यायाधीश मेश्राम ने 23 अप्रैल को निर्देश दिया कि सिरोंज के एसडीएम हर्षल चौधरी के कार्यालय में कुर्सी, अन्य फर्नीचर और कंप्यूटर सहित चल संपत्ति को कुर्क किया जाए। उन्होंने बताया, "अगर हमें अब भी मुआवजा नहीं मिलता है, तो हम प्रतिवादियों की अचल संपत्ति को कुर्क करने की मांग करते हुए याचिका दायर करने जा रहे हैं।"
इस मामले में जिला प्रशासन और एमपी रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआरडीसी) प्रतिवादी हैं। त्यागी ने बताया कि 2011 में सिरोंज में 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए एमपीआरडीसी ने कुल 82 लोगों की जमीन अपने कब्जे में ली थी। उन्होंने बताया कि बाद में कुछ भूस्वामी अधिक मुआवजे की मांग को लेकर अदालत गए।