Jharkhand Minister Secretary ED: ईडी छापेमारी में ग्रामीण विकास मंत्री के पीएस के केबिन से मिला रुपयों का बंडल, आलमगीर आलम पर कसा शिकंजा
By एस पी सिन्हा | Published: May 8, 2024 06:28 PM2024-05-08T18:28:15+5:302024-05-08T18:29:11+5:30
Jharkhand Minister Secretary ED: जहांगीर के बयान के बाद संजीव लाल की बोलती बंद हो गई है। अब वह मंत्री का भी राज खोल सकता है। छापेमारी में ईडी ने कई कागजात भी बरामद किए हैं, जिनमें बीडीओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े ब्योरे हैं।
Jharkhand Minister Secretary ED: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद अब ईडी यह पता लगाने में जुट गई है कि बरामद कैश के असली मालिक कौन है? इस मामले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए ईडी ने बुधवार को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के चैंबर को खंगाला। टीम के साथ संजीव लाल भी मौजूद थे। इस दौरान संजीव लाल के केबिन में ईडी को नोटों का बंडल मिला। ऑफिस से कैश बरामद होने की खबर के बाद हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल ईडी की टीम आगे की कार्रवाई में जुटी है।
सूत्रों की मानें तो ईडी इस मामले में झारखंड सरकार के कांग्रेसी मंत्री आलमगीर आलम से इसका हिसाब पूछने की तैयारी कर रही है। एजेंसी की ओर से उन्हें जल्द ही समन किया जाएगा। कारण कि मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल के घरेलू सहायक जहांगीर आलम ने प्रारंभिक पूछताछ में कबूल किया है कि वह कमीशन और रिश्वत से जुटाई रकम का केयरटेकर था, जिसके एवज में उसे महीने के करीब पंद्रह हजार रुपए की पगार मिलती थी। जहांगीर को मंत्री आलमगीर ने ही अपने पीएस संजीव कुमार लाल के यहां नौकरी पर रखवाया था।
इसके पहले कुछ दिनों तक उसने मंत्री के आवास पर भी काम किया। मंत्री के पीएस संजीव लाल ने उसके लिए रांची के गाड़ीखाना में सर सैयद रेसिडेंसी अपार्टमेंट में फ्लैट लिया था। संजीव लाल हर एक-दो दिन में उसे रुपयों का बैग या थैला देते थे, जिसे वह इस फ्लैट की अलमारियों में लाकर रखता था।
हालांकि संजीव लाल ने शुरुआती पूछताछ में इनकार किया था कि जहांगीर के फ्लैट से मिली रकम उनकी है। लेकिन पुख्ता सबूत और जहांगीर के बयान के बाद संजीव लाल की बोलती बंद हो गई है। अब वह मंत्री का भी राज खोल सकता है। छापेमारी में ईडी ने कई कागजात भी बरामद किए हैं, जिनमें बीडीओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े ब्योरे हैं।
इसके अलावा ईडी की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को ग्रामीण विकास विभाग में गड़बड़ियों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखी गई एक चिट्ठी भी मिली है। माना जा रहा है कि सरकार ने ईडी की चिट्ठी पर कार्रवाई करने के बजाय उसे लीक कर विभाग के अफसरों तक पहुंचा दिया। ईडी की मानें तो ग्रामीण विकास विभाग की विकास योजनाओं में 15 फीसदी की दर से कमीशन की वसूली होती थी।
झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव लाल पर आरोप है कि वे टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलते थे। इंजीनियर और ठेकेदारों से कमीशन की रकम वसूली जाती थी। बताया जाता है कि कमीशन की रकम मंत्री आलमगीर आलम के सहायक जहांगीर आलम के पास रखी जाती थी। यहीं से ये पैसे बड़े अफसरों और नेताओं को जाते थे।