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अब ईरान और इजरायल के बीच छिड़ेगी जंग! ईरान ने अमेरिका से इस संभावित टकराव से दूर रहने के लिए कहा, अमेरिका हाई अलर्ट पर

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: April 6, 2024 11:52 IST

बीते 1 अप्रैल को इजरायल के हवाई हमले में दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर प्रभाग की इमारत को नुकसान पहुंचा और इमारत के अंदर बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। ईरान के राजदूत हुसैन अकबरी ने इजराइल की निंदा की और कहा कि इस हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से ही तनाव बढ़ा हुआ है।

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ठळक मुद्देसीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हमले के बाद ईरान बौखलाया हमले के जवाब की तैयारी कर रहा हैईरान ने अमेरिका से इस संभावित टकराव से दूर रहने के लिए कहा है

Iran vs Israel: सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हमले के बाद  ईरान बौखलाया हुआ है और हमले के जवाब की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर ईरान नेअमेरिका से इस संभावित टकराव से दूर रहने के लिए कहा है। साथ ही लेबनॉन में ईरान के मुख्य सहयोगी हिजबुल्लाह ने भी इजरायल को चेतावनी दी है कि वह युद्ध के लिए तैयार है।

एक लिखित संदेश में, ईरान ने "अमेरिका को नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी।" ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जिक्र करते हुए एक्स पर लिखा, अमेरिका को "अलग हट जाना चाहिए ताकि आप पर आंच न आए।" ईरान द्वारा भेजे गए कथित संदेश पर अमेरिका ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका हाई अलर्ट पर है और क्षेत्र में इजरायली या अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ ईरान से "महत्वपूर्ण" प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है। वहीं एनबीसी ने दो अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा है कि 

सीएनएन ने बताया कि अमेरिका हाई अलर्ट पर है और क्षेत्र में इजरायली या अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ ईरान से "महत्वपूर्ण" प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है। नेटवर्क ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी का हवाला दिया। राष्ट्रपति जो बिडेन का प्रशासन चिंतित है कि कोई भी हमला इज़राइल के अंदर हो सकता है जो सैन्य या खुफिया लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। 

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बिडेन प्रशासन ने ईरान को सीधे सूचित करने का असामान्य कदम उठाया कि अमेरिका इस बात से अनभिज्ञ था कि दमिश्क में सोमवार का हमला होगा। इससे पता चलता है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सेना और ठिकानों पर हमले को रोकने की कोशिश कर रहा था।

बता दें कि बीते 1 अप्रैल को इजरायल के हवाई हमले में दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर प्रभाग की इमारत को नुकसान पहुंचा और इमारत के अंदर बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। ईरान के अरबी भाषा के सरकारी टेलीविजन अल-आलम और अरबी क्षेत्र के टेलीविजन स्टेशन अल-मदीन ने कहा कि हमले में ईरानी सैन्य सलाहकार जनरल अली रजा जहदी की मौत हो गई। जहदी ने पहले 2016 तक लेबनान और सीरिया में ईरानी कुलीन कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया था। ईरान के राजदूत हुसैन अकबरी ने इजराइल की निंदा की और कहा कि इस हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से ही तनाव बढ़ा हुआ है।

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