Wagner group: वैगनर समूह क्या है, येवेनी प्रीगोझिन कौन है?, जानें इस समूह के बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 24, 2023 10:17 PM2023-06-24T22:17:27+5:302023-06-24T22:22:08+5:30
Wagner group: निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन ने ऑडियो संदेश में कहा कि वह और उनका समूह आगे बढ़ रहे हैं और अंत तक चलते रहेंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि जो भी हमारे रास्ते में आएगा उसे नष्ट कर दिया जाएगा।
Wagner group: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नए संकट में फंस गए हैं। निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन ने सशस्त्र विद्रोह का ऐलान कर दिया है। एक कथित ऑडियो संदेश में प्रीगोझिन ने रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कसम खाई है।
प्रीगोझिन ने ऑडियो संदेश में कहा कि वह और उनका समूह आगे बढ़ रहे हैं और अंत तक चलते रहेंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि जो भी हमारे रास्ते में आएगा उसे नष्ट कर दिया जाएगा। यह समूह यूक्रेन में रूस की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
प्रीगोझिन ने कई हफ्तों तक रूसी सैन्य नेतृत्व की तीखी आलोचना की है और शीर्ष अधिकारियों को अक्षम कहा है। रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक समय से चली आ रही लंबी लड़ाई के बाद दुनिया की नजरें वैगनर समूह पर टिकी हुई थीं।
ऐसे में अब वैगनर समूह के मुखिया प्रीगोझिन ने युद्ध से निपटने के तरीके को लेकर मॉस्को में सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव प्रयास करने की कसम खाई है। प्रीगोझिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने वैगनर समूह पर हमले शुरू किए।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, वैगनर ग्रुप एक निजी सैन्य संगठन है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी द्वारा हजारों लड़ाकों के साथ चलाया जाता है। दिमित्री उत्किन और फाइनेंसर प्रीगोझिन द्वारा गठित समूह 2014 में अस्तित्व में आया और 2014 में यूक्रेनी-रूसी संघर्ष में शामिल था, जब रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था।
प्रारंभ में यह एक गुप्त संगठन था, इसमें केवल लगभग 5,000 लड़ाके थे। 2015 से वैगनर ग्रुप सीरिया, लीबिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय है। इसके अलावा सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (सीएआर) ने वैगनर ग्रुप को हीरे की खदानों की सुरक्षा के लिए आमंत्रित किया है और माना जाता है कि यह सूडान में सोने की खदानों की सुरक्षा करेगा।
वैगनर समूह रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा करने में भारी रूप से शामिल था। यूक्रेनी सैनिकों का कहना है कि उसके लड़ाकों को खुले मैदान में बड़ी संख्या में हमले के लिए भेजा गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए।
यूके रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह समूह अब यूक्रेन में 50,000 से अधिक लड़ाकों का नेतृत्व करता है और यूक्रेन अभियान का एक प्रमुख घटक बन गया है। संगठन ने 2022 में बड़ी संख्या में भर्ती भी शुरू कर दी क्योंकि रूस को नियमित सेना के लिए लोगों को ढूंढने में परेशानी हो रही थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को ‘विश्वासघात’ और रूस की ‘पीठ में छुरा घोंपने’ वाला कदम करार दिया। टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में पुतिन ने रूस की रक्षा करने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी कहा, “विद्रोह की साजिश रचने वाले सभी लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी।
सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं।” प्रीगोझिन ने शनिवार को दावा किया कि वह और उनके लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार करके रूस के रोस्तोव-ओन-दोन शहर में दाखिल हो गए हैं तथा वहां के अहम सैन्य प्रतिष्ठानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
प्रीगोझिन ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह रूस के रोस्तोव-ओन-दोन स्थित सैन्य मुख्यालय में खड़े नजर आ रहे हैं। यह मुख्यालय यूक्रेन में युद्ध पर नजर रखता है। ‘वैग्नर ग्रुप’ ने दावा किया कि उनके बलों ने शहर में स्थित कई अहम सैन्य प्रतिष्ठानों को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसमें एक हवाई पट्टी भी शामिल है।
सोशल मीडिया पर जारी अन्य वीडियो में रोस्तोव-ओन-दोन की सड़कों पर सैन्य वाहन और टैंकर खड़े दिखाई दे रहे हैं। पुतिन ने ‘वैग्नर ग्रुप’ के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह बगावत ऐसे समय में की गई है, जब यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस “अपने भविष्य के लिए सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “पश्चिमी देशों का पूरा सैन्य, आर्थिक और सूचना तंत्र हमारे खिलाफ खड़ा कर दिया गया है।” उधर, प्रीगोझिन ने दावा किया कि यूक्रेन से रूस में दाखिल होते समय उनकी निजी सेना को जांच चौकियों पर युवा सैनिकों से किसी भी तरह के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उनके लड़ाके “बच्चों के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं।” सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और ऑडियो पोस्ट में प्रीगोझिन ने कहा, “जो भी हमारे रास्ते में आएगा, हम उसे बर्बाद कर देंगे। हम आगे बढ़ रहे हैं और हम अंतिम छोर तक जाएंगे।”
रूस ने ‘वैग्नर ग्रुप’ से उत्पन्न खतरे को कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने मॉस्को और उसके आसपास के क्षेत्रों में ‘आतंकवाद विरोधी शासन’ लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत वहां नागरिकों को हासिल कई अधिकारों को सीमित कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।
हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख रूसी शहर में कैसे दाखिल हुए और उनके साथ कितने लड़ाके हैं। प्रीगोझिन ने आरोप लगाया कि रोस्तोव में रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाकात के बाद सेना प्रमुख जनरल वेलेरी गेरासिमोव ने यूक्रेन में ‘वैग्नर ग्रुप’ के आधार शिविरों को रॉकेट, हेलीकॉप्टर और तोपों से निशाना बनाने का आदेश दिया।
उन्होंने दावा किया कि इस बैठक में ‘वैग्नर ग्रुप’ को तबाह करने का फैसला लिया गया। प्रीगोझिन ने यह भी दावा किया कि उनकी सेना ने एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराया, जिसने नागरिकों के एक काफिले पर गोलीबारी की थी। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
प्रीगोझिन ने कहा कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके शामिल हैं और वह सशस्त्र विद्रोह के तहत शोइगू को दंडित करेंगे। उन्होंने सेना से प्रतिरोध न करने का आग्रह किया। ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख ने कहा, “यह सैन्य तख्तापलट नहीं, बल्कि न्याय के लिए मार्च है।”
प्रीगोझिन द्वारा बगावत के ऐलान का क्या असर होगा, फिलहाल यह साफ नहीं है, लेकिन इसकी वजह से यूक्रेन में रूस का अभियान और प्रभावित होने की आशंका है। ‘वैग्नर ग्रुप’ के लड़ाकों ने यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभाते हुए बखमूत शहर पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी, जो लंबी और भीषण लड़ाई का गवाह रहा था।
इससे संयुक्त मोर्चा कायम रखने की पुतिन की क्षमता पर भी सवाल उठेंगे। यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ने के बावजूद प्रीगोझिन ने देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की आलोचना की है। उन्होंने अधिकारियों पर अक्षम होने और ‘वैग्नर’ बलों को हथियार व गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया है।