भारत में जो हो रहा है हम उसको लेकर चिंतित हैं, अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर जाहिर की चिंता

By भाषा | Published: February 6, 2020 12:32 PM2020-02-06T12:32:56+5:302020-02-06T12:32:56+5:30

अधिकारी ने कहा, ‘‘ मेरे लिए, अधिकांश जगहों पर हमारा शुरुआती कदम यह पूछना होता है कि हम उन मुद्दों से निपटने में कैसे आपकी मदद कर सकते हैं, जहां धार्मिक उत्पीड़न नहीं है। यह पहला कदम होता है, यह कहना कि क्या हम आपकी इसमें मदद कर सकते हैं।’’

We are worried about what is happening in India, America has expressed concern about religious freedom in India | भारत में जो हो रहा है हम उसको लेकर चिंतित हैं, अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर जाहिर की चिंता

यह अधिकारी हाल ही में भारत यात्रा पर आए थे।

Highlightsभारतीय संविधान अल्पसंख्यक समुदायों सहित अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है।कुछ मुद्दों पर मदद करने और इन्हें मिलकर हल करने की पेशकश भी की है।

अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की और मामले को भारतीय अधिकारियों के समक्ष भी उठाया है।

भारत में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर व्यापक स्तर पर जारी प्रदर्शन के बीच यह बयान आया है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने भारत में मौजूदा स्थिति को लेकर भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की और गहरी चिंता व्यक्त की। यह अधिकारी हाल ही में भारत यात्रा पर आए थे।

उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत में जो हो रहा है हम उसको लेकर चिंतित हैं। मैंने भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात की थी। मैंने भारतीय राजदूत से भी मुलाकात की थी (चिंता जाहिर करने के लिए)।’’ अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के 27 राष्ट्र के लिए ‘इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम एलायंस’ जारी करने के बाद यह बयान आया है। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने इनमें से कुछ मुद्दों पर मदद करने और इन्हें मिलकर हल करने की पेशकश भी की है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ मेरे लिए, अधिकांश जगहों पर हमारा शुरुआती कदम यह पूछना होता है कि हम उन मुद्दों से निपटने में कैसे आपकी मदद कर सकते हैं, जहां धार्मिक उत्पीड़न नहीं है। यह पहला कदम होता है, यह कहना कि क्या हम आपकी इसमें मदद कर सकते हैं।’’

वहीं भारत लगातार यह कहता रहा है कि भारतीय संविधान अल्पसंख्यक समुदायों सहित अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के अनुसार धार्मिक प्रताड़ना से परेशान होकर 31 दिसम्बर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। सीएए के व्यापक विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने इसका बचाव करते हुए कहा था कि कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए, बल्कि नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। 

Web Title: We are worried about what is happening in India, America has expressed concern about religious freedom in India

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