ठंड से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं यूरोप की पहली कार टायर फैक्टरी में काम करने वाले वियतनामी कामगार
By भाषा | Updated: November 20, 2021 15:33 IST2021-11-20T15:33:54+5:302021-11-20T15:33:54+5:30

ठंड से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं यूरोप की पहली कार टायर फैक्टरी में काम करने वाले वियतनामी कामगार
जरिनजानीन (सर्बिया), 20 नवंबर (एपी) यूरोप में कार टायर बनाने वाली पहली चीनी फैक्टरी लगाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे वियतनामी मजदूर कड़ाके की ठंड में बिना हिटिंग सिस्टम, भोजन और पैसे के मरने की कगार पर पहुंच गए हैं।
वियतनाम से इस चीनी फैक्टरी में काम करने गए मजदूरों की हालत भी भारत से खाड़ी देशों में काम करने जाने वाले कामगारों जैसी हो गई है। इन मजदूरों का कहना है कि उनके पासपोर्ट उनके चीनी नियोक्तओं ने रख लिए हैं और उनका हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो गई है, क्योंकि सर्बिया के स्थानीय प्रशासन से भी वह कोई मदद नहीं ले पा रहे हैं।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने फैक्टरी निर्माण स्थल का दौरा किया। वहां चीन के शांदोंग लिंगलोंग टायर कंपनी ने बड़े परिसर का निर्माण किया है जहां करीब 500 कामगार बेहद खराब परिस्थितियों में रह रहे हैं।
सर्बिया और चीन द्वारा इस फैक्टरी को ‘रणनीति साझेदारी’ का प्रदर्शन बताया जा रहा है, हालांकि कई पर्यावरणविदों और अन्य लोगों ने टायर निर्माण से होने वाले संभावित प्रदूषण को लेकर इसकी काफी आलोचना की है।
अब इसपर सर्बिया के मानवाधिकार समूहों की भी नजर पड़ी है, उसे आशंका है कि यहां काम करने वाले मजदूर मानव तस्करी या गुलामी के शिकार/पीड़ित हो सकते हैं।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से जुड़े सर्बिया के कार्यकर्ता मिसो जिवानोव का कहना है,‘‘हम मानवाधिकारों का उल्लंघन देख रहे हैं, क्योंकि वियतनामी कामगार बेहद खराब परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
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