विभिन्न देशों ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट की निंदा की, नेताओं को रिहा करने की मांग की

By भाषा | Updated: February 1, 2021 17:42 IST2021-02-01T17:42:09+5:302021-02-01T17:42:09+5:30

Various countries condemned military coup in Myanmar, demanding release of leaders | विभिन्न देशों ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट की निंदा की, नेताओं को रिहा करने की मांग की

विभिन्न देशों ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट की निंदा की, नेताओं को रिहा करने की मांग की

वाशिंगटन/ढाका, एक फरवरी म्यामां में स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के बाद सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। दुनिया के विभिन्न देशों और संगठनों ने म्यांमा में हुए इस घटनाक्रम की निंदा की है और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग की है।

अमेरिका ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर बनाये हुए है। साथ ही आगाह किया कि अगर देश में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए सही कदम नहीं उठाये गये तो वह कार्रवाई करेगा।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन कदमों को वापस नहीं लिया गया तो अमेरिका इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

साकी ने कहा, ‘‘हमलोग स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और म्यामां के लोगों के साथ हैं जिन्होंने लोकतंत्र एवं शांति के लिए पहले ही काफी कुछ झेला है।’’

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने कहा कि म्यामां की सेना द्वारा स्टेट काउंसलर सू ची एवं अन्य अधिकारियों समेत सरकार के नेताओं को हिरासत में लिये जाने की घटना से अमेरिका बेहद चिंतित है।

ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने म्यामां की सेना से सभी सरकारी अधिकारियों और नेताओं को रिहा करने का आह्वान किया है और आठ नवंबर को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हुए चुनावों में म्यामां की जनता के फैसले का सम्मान करने को कहा है। अमेरिका लोकतंत्र, स्वतंत्रता, शांति एवं विकास के आकांक्षी म्यामां के लोगों के साथ है। सेना को निश्चित रूप से इन कदमों को तुरंत पलटना चाहिए।’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी सू ची तथा अन्य नेताओं को सेना द्वारा हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की तथा सत्ता सेना के हाथों में जाने पर चिंता जताई।

गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘म्यामां में नई संसद का सत्र आरंभ होने से पहले स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, राष्ट्रपति यू विन मिंट तथा अन्य राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने के कदम की महासचिव कड़ी निंदा करते हैं।’’

उन्होंने इसे म्यामां में लोकतांत्रिक सुधारों के लिए एक बड़ा झटका बताया।

भारत ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट और शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त करते हुए कहा कि देश में कानून का शासन बना रहना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने म्यामां के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत म्यामां में हालात पर निकटता से नजर रख रहा है और वह म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया का हमेशा समर्थक रहा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी तख्तापलट की आलोचना की ।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं तख्तापलट और आंग सान सू ची समेत नागरिकों को गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए जाने की निंदा करता हूं। जनादेश का सम्मान होना चाहिए और असैन्य नेताओं को रिहा करना चाहिए।’’

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पेने ने कहा, ‘‘हम सेना से कानून के शासन का सम्मान करते हुए कानूनी व्यवस्था के जरिए विवाद सुलझाने और गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए सभी असैन्य नेताओं को रिहा करने आह्वान करते हैं। यह मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला है।’’

बांग्लादेश ने भी म्यामां में शांति और स्थिरता का आह्वान किया और उम्मीद जतायी कि म्यामां में मौजूदा घटनाक्रम से रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी पर असर नहीं पड़ेगा।

सिंगापुर ने भी घटनाक्रम पर चिंता प्रकट की। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं और उम्मीद है कि सभी पक्ष संयम बरतेंगे और वार्ता के जरिए सकारात्मक और शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।’’

‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने भी आंग सान सू ची और हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा किए जाने की मांग की।

‘ह्यूमन राइट्स वाच’ के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया।

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Web Title: Various countries condemned military coup in Myanmar, demanding release of leaders

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