अमेरिकी खुफिया एजेंसियां कोविड-19 की उत्पत्ति पर ठोस नतीजे पर पहुंचने में विफल
By भाषा | Published: August 28, 2021 04:37 PM2021-08-28T16:37:34+5:302021-08-28T16:37:34+5:30
अमेरिका का खुफिया समुदाय कोविड-19 की मूल उत्पत्ति पर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने में विफल रहा और उसकी राय इस पर बंटी हुई है कि क्या यह संक्रमण चीन में किसी प्रयोगशाला से फैला या प्राकृतिक रूप से इसका प्रसार हुआ। हालांकि उसका यह मानना है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी2 जैविक हथियार के तौर पर ‘‘विकसित नहीं’’ किया गया। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर तैयार की गयी रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा कि सार्स सीओवी-2 नवंबर 2019 के आसपास संभवत: शुरुआती स्तर पर छोटे पैमाने पर फैला और पहली बार संक्रमण के मामले दिसंबर 2019 में वुहान में सामने आए।बहरहाल कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर खुफिया समुदाय के बीच कोई आम सहमति नहीं बनी। रिपोर्ट में खुफिया एजेंसियों का नाम नहीं दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस वायरस को जैविक हथियार के तौर पर विकसित नहीं किया गया। ज्यादातर एजेंसियों का यह भी आकलन है कि सार्स-सीओवी-2 की संभवत: आनुवंशिक रूप से उत्पत्ति नहीं हुई, हालांकि दो एजेंसियों का मानना है कि इस आकलन की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।’’खुफिया समुदाय का यह भी मानना है कि चीन के अधिकारियों को कोविड-19 संक्रमण फैलने से पहले इसके बारे में जानकारी नहीं थी।इसमें कहा गया है, ‘‘सभी उपलब्ध खुफिया सूचना और अन्य जानकारी का आकलन करने के बाद खुफिया समुदाय अब भी कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर विभाजित है। सभी एजेंसियों का आकलन है कि दो चीजें हो सकती है : किसी संक्रमित पशु से संक्रमण फैलना और प्रयोगशाला से जुड़ी घटना से संक्रमण फैलना।’’खुफिया समुदाय के कुछ लोगों का आकलन है कि सार्स-सीओवी-2 से संक्रमण का मामला प्रयोगशाला से जुड़ी घटना का नतीजा हो सकती है जिसमें संभवत: प्रयोग, जानवरों की देखभाल या वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान द्वारा नमूना लेना शामिल हो सकता है।’’इस बीच, रिपोर्ट मिलने की जानकारी देते हुए बाइडन ने एक बयान में कहा कि उनका प्रशासन इस संक्रमण की जड़ तक पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि भविष्य में फिर से इसे होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक एहतियात अपनाए जा सकें।उन्होंने कहा कि इस महामारी की उत्पत्ति की अहम जानकारी चीन में है लेकिन ‘‘शुरुआत से लेकर अब तक चीन में सरकारी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं और वैश्विक जन स्वास्थ्य समुदाय के सदस्यों को इसका पता लगाने से रोकने के लिए काम किया है।’’बाइडन ने आरोप लगाया कि अभी तक भी चीन पारदर्शिता की अपीलों को खारिज करता रहा है और सूचना को रोकता रहा है जबकि महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दुनिया को जवाब मिलना चाहिए और मैं जवाब मिलने तक शांत नहीं बैठूंगा। जिम्मेदार देश बाकी दुनिया के प्रति इस तरह की जिम्मेदारियों से नहीं बचते। महामारियां अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की परवाह नहीं करती तथा हमें और महामारियों को रोकने के लिए यह समझना होगा कि कोविड-19 कैसे आया।’’ मध्य चीन में महामारी का केंद्र रहे वुहान की यात्रा करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक दल ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि इस बीमारी के एक बाजार में बेचे गए पशुओं से फैलने की अधिक संभावना है। कुछ वैज्ञानिकों ने इस निष्कर्ष को खारिज कर दिया है। बाइडन ने कहा कि अमेरिका कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन पर पूरी तरह सूचना साझा करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सहयोग करने के लिए दबाव डालने के वास्ते दुनियाभर के सभी साझेदारों के साथ काम करता रहेगा। बाइडन ने कहा कि अमेरिका महामारी के शुरुआती दिनों के आंकड़ें और सूचना साझा करने समेत वैज्ञानिक नियमों और मानकों तथा जैव सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए चीन पर दबाव डालता रहेगा।उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इस वैश्विक त्रासदी को लेकर पूरी और पारदर्शी जवाबदेही है। इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं।’’ रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि कोविड-19 की उत्पति पर अमेरिकी खुफिया समुदाय की रिपोर्ट ‘‘वैज्ञानिक रूप से विश्वसनीय नहीं है’’ और बीजिंग पर पारदर्शिता नहीं बरतने के वॉशिंगटन के आरोप मुद्दे का केवल राजनीतिकरण करना और उसे कलंकित करना है। इसने कहा, ‘‘अमेरिकी खुफिया समुदाय की रिपोर्ट अमेरिका के मनमुताबिक नहीं है। इस तरह का प्रयास जारी रखना भी विफल जाएगा क्योंकि इसका विषय अस्तित्वविहीन और विज्ञान विरोधी है।’’जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़े के मुताबिक, घातक वायरस से पूरी दुनिया में अभी तक 215,290,716 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,483,136 लोगों की मौत हुई है।
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