अफगानिस्तान : अमेरिका दूतावास ने कर्मचारियों को संवेदनशील दस्तावेज नष्ट करने का दिया आदेश, स्वदेश लौटने की कही गई बात
By दीप्ती कुमारी | Updated: August 14, 2021 12:28 IST2021-08-14T12:22:22+5:302021-08-14T12:28:40+5:30
काबुल में अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को संवेदनशील दस्तावेजों के साथ-साथ प्रचार के रूप में इस्तेमाल की जा सकने वाली अन्य सामग्रियों को भी नष्ट करने का आदेश दिया है ।

फोटो सोर्स - एपी
काबुल : सीएनएन और अन्य मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को संवेदनशील दस्तावेजों के साथ-साथ प्रचार के रूप में इस्तेमाल की जा सकने वाली अन्य सामग्रियों को भी नष्ट करने का आदेश दिया है । दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान ने भारी तबाही मचा रखी है और सरकार को गिराने के लिए वे एक-एक प्रांत पर कब्जा करते जा रहे हैं ।
अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए पेंटागन ने ये घोषणा की कि वे काबुल स्थित अमेरिका दूतावास कर्मियों को स्वदेश वापस लाने के लिए 3,000 अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान भेज रहा है । वहां वह केवल अपनी एक मुख्य राजनयिक उपस्थिति रखना चाहता है । अमेरिका के विदेश विभाग के मुख्य प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरूवार को कहा कि 'मैं इस बारे में स्पष्ट कहता हूं कि अमेरिकी दूतावास खुला रहता है और हम अफगानिस्तान में अपने राजनयिक काम को जारी रखने की योजना बना रहे हैं ।
BREAKING: The US Embassy in #Kabul is instructing personnel to destroy sensitive materials as well as items “which could be misused in propaganda efforts,” according to a management notice sent Friday and seen by CNN and described by another source familiar. #Taliban
— Hamdi (@HamdiAlkhshali) August 13, 2021
सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को भेजे गए ज्ञापन में राजनयिकों से कंप्यूटर और अन्य संवेदनशील दस्तावेजों को नष्ट करने और साथ ऐसे सभी चीजों को नष्ट करने का आदेश दिया गया है , जो दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल की जा सकती है । आपको बताते दें कि गुरूवार को विदेश विभाग ने सभी अमेरिकयों को तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने की चेतावनी दी और कहा कि दूतावास के पास मदद करने की बेहद सीमित क्षमता है । साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से सभी लड़ाकू सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया है । अमेरिकी सैनिक 2001 से अफगानिस्तान में हैं और तालिबान के साथ बैठक के बाद अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने का काम शुरू कर दिया था ।
इसके अलावा अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत ने भी अपने नागरिकों को दूतावास की सुरक्षा सलाह का पालन करने की बात कही है । भारत ने पत्रकारों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने और एहतियात लेने को कहा है । साथ ही खतरे वाले स्थानों पर न जाने और स्वदेश लौटने की बात कही है ।
आपको बताते दें कि हाल ही में रायटर्स के लिए काम करने वाले भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दकी की अफगानिस्तान में मौत हो गई थी । वह अफगान सैनिक और तालिबान के बीच युद्ध कवर करने के लिए गए थे । एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दानिश सिद्दकी की पहतान कर तालिबान ने उनकी निर्मम हत्या कर दी थी ।