धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मिला अमेरिकी प्रतिनिधी मंडल, भड़का चीन, कड़े कदम उठाने की धमकी दी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 19, 2024 14:10 IST2024-06-19T14:09:08+5:302024-06-19T14:10:59+5:30
चीन इस मुलाकात से भड़का हुआ है और कहा है कि अगर अमेरिका तिब्बत को चीन का हिस्सा ना मानते हुए अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करेगा तो चीन इस पर कड़े क़दम उठाएगा।

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मिला अमेरिकी प्रतिनिधी मंडल
नई दिल्ली: अमेरिकी सदन की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी और अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष माइकल मैककॉल के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की। चीन को ये यात्रा पसंद नहीं आई है।
नैन्सी पेलोसी ने दलाई लामा से कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने दलाईलामा को तिब्बत की अपनी पिछली यात्रा के बारे में बताया। पेलोसी ने बताया कि उन्होंने तिब्बती भाषा के उपयोग को दबाकर तिब्बती संस्कृति को मिटाने के चीनी सरकार के प्रयासों को देखा था।
उन्होंने हाल ही में पारित कानून 'रिज़ॉल्व तिब्बत एक्ट' के महत्व पर प्रकाश डाला। यह कानून तिब्बत मुद्दे पर संयुक्त राज्य अमेरिका के रुख के बारे में चीनी सरकार को एक स्पष्ट संदेश भेजता है। पेलोसी ने दलाई लामा से मुलाकात के बाद कहा कि शिंगटन डीसी में चीन के राष्ट्रपति का दौरा था और मैंने उनसे कहा कि आप तिब्बत की संस्कृति के साथ जो कर रहे हैं, उस पर हमें आपत्ति है।
पेलोसी ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि आपको वहां जाना चाहिए और चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे सभी सुधारों को स्वयं देखना चाहिए। इसके जवाब में पेलोसी ने कहा कि मैं तिब्बत जाने के लिए वीजा प्राप्त करने के लिए 25 वर्षों से प्रयास कर रही हूं।
चीन इस मुलाकात से भड़का हुआ है और कहा है कि अगर अमेरिका तिब्बत को चीन का हिस्सा ना मानते हुए अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करेगा तो चीन इस पर कड़े क़दम उठाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन चियान ने कहा है, "ये सभी जानते हैं कि 14वें दलाई लामा कोई विशुद्ध धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त एक निर्वासित राजनीतिक व्यक्ति हैं। चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों की दृढ़ता से रक्षा करने के लिए कड़े क़दम उठाएगा।"
भारत स्थित चीनी दूतावास ने कहा है, "हम अमेरिकी पक्ष से अपील करते हैं कि वह दलाई लामा समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने, शिज़ांग (तिब्बत के लिए चीन की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला नाम) से जुड़े मुद्दों पर अमेरिका की चीन से की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करे और दुनिया को ग़लत संकेत भेजना बंद करे।"