लाइव न्यूज़ :

Coronavirus: न्यूयॉर्क में हालात खराब, मुर्दाघरों को खाली करने के लिए तेजी से लावारिस शवों को दफना रहा प्रशासन

By भाषा | Updated: April 11, 2020 16:37 IST

कोरोना वायरस काफी तेजी से पूरे विश्व में अपने पैर पसार रहा है। ऐसी स्थिति में इसकी वजह से न्यूयॉर्क शहर बुरी तरह से प्रभावित है, जिसके कारण संक्रमण से मरने वालों की संख्या अब बढ़ गई है। बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन मुर्दाघरों में जगह खाली करने के लिए लावारिस शव तेजी से दफना रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देअब सप्ताह में पांच दिन शव दफनाए जाते हैं और प्रतिदिन लगभग 25 शव दफनाएं जा रहे हैं।शहर के मुर्दाघरों में लावारिस शव 30 से 60 दिनों तक रखे जाते हैं, उसके बाद उन्हें आईलैंड में दफना दिया जाता है।

न्यूयॉर्क: अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से बुरी तरह प्रभावित न्यूयॉर्क शहर में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण से मरने वालों की बढ़ती संख्या देखते हुए प्रशासन मुर्दाघरों में जगह खाली करने के लिए लावारिस शव तेजी से दफना रहा है। मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी मिली। 

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क में लावारिस शवों को दफनाने की जगह हार्ट आईलैंड में हर बृहस्पतिवार को लावारिस शव दफनाए जाते थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी ने सब कुछ बदल कर रख दिया है। अब सप्ताह में पांच दिन शव दफनाए जाते हैं और प्रतिदिन लगभग 25 शव दफनाएं जा रहे हैं। अमेरिका में इस महामारी का केंद्र बन चुके न्यूयॉर्क शहर में फिलहाल 17 लाख कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज हैं, साथ ही शहर में इस संक्रमण के कारण 7,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के मुर्दाघरों में लावारिस शव 30 से 60 दिनों तक रखे जाते हैं, उसके बाद उन्हें आईलैंड में दफना दिया जाता है। लेकिन फिलहाल इस महामारी के कारण समय पूरा होने के पहले ही इन लावारिस शवों को दफनाया जा रहा है जिससे मुर्दाघरों में जगह बनायी जा सके। अधिकारियों के मुताबिक सामान्यत: रिकर आईलैंड के कर्मचारी शव दफनाने का काम करते थे लेकिन इस संकट के समय में अनुबंधित कर्मचारी यह काम कर रहे हैं।

 

 

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए