यूएन: म्यांमार सैन्य हिंसा में हुआ दस लाख से अधिक लोगों का विस्थापन, हिंसा के कारण पूरी दुनिया में लगभग 10 करोड़ लोग हो चुके हैं बेघर

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 3, 2022 02:23 PM2022-06-03T14:23:05+5:302022-06-03T14:29:15+5:30

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा है कि म्यांंमार सैन्य शासन और लोकतांत्रिक शक्तियों के बीच हो रहे लगातार हिंसक टकराव के कारण लगभग 10 लाख से अधिक लोगों ने अपना घरों को खो दिया है।

UN: More than one million people were displaced in Myanmar military violence, about 100 million people have become homeless all over the world due to violence | यूएन: म्यांमार सैन्य हिंसा में हुआ दस लाख से अधिक लोगों का विस्थापन, हिंसा के कारण पूरी दुनिया में लगभग 10 करोड़ लोग हो चुके हैं बेघर

यूएन: म्यांमार सैन्य हिंसा में हुआ दस लाख से अधिक लोगों का विस्थापन, हिंसा के कारण पूरी दुनिया में लगभग 10 करोड़ लोग हो चुके हैं बेघर

Highlightsम्यांमार में हुई सैन्य हिंसा में 10 लाख से अधिक लोगों ने अपना घरों को खो दिया हैहिंसक टकराव से म्यांमार में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भयानक रूप से वृद्धि हुई हैयूएन के मुताबिक मानसून के पूर्व आगमन से भी म्यांमार में परिस्थितियां काफी विपरित हो गई हैं

नाएप्यीडॉ: म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद हुए जनसंघर्ष में अब तक कुल 10 लाख से ज्यादा लोगों को विस्थानप का शिकार होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि म्यांमार में हुई सैन्य हिंसा के कारण 10 लाख से अधिक लोगों ने अपना घरों को खो दिया है।

इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा है कि सैन्य शासन और लोकतांत्रिक शक्तियों के बीच हो रहे लगातार हिंसक टकराव से म्यांमार में रोजमर्रा प्रयोग में लाये जाने वाली आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भयानक रूप से वृद्धि हुई है और मानसून के पूर्व आगमन से भी परिस्थितियां काफी विपरित हो गई हैं।

जिसके कारण आम जनता तक पहुंचाए जाने वाले राहत कार्यों पर भी गंभीर असर पर पड़ रहा है। समाचार एजेंसी यूएम के मुताबिक यूएन की म्यांमार संबंधी यह रिपोर्ट 26 मई तक की जमीनी हालात के बारे में मिली जानकारी के आधार पर है।

यूएन की विभिन्न एजेंसियां, जो म्यांमार में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए लगातारा प्रयास कर रही है, उनका कहना है कि वहां की सेना सहायता प्रयासों में बाधा डाल रही है, जबकि सेना का कहना है कि यूएन एजेंसियों के सारे आरोप गलत हैं और वो गैर-नियंत्रण क्षेत्रों में पहुंचने वाली सहायता में कहीं से भी बाधा नहीं पहुंचता रहा है।

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य शासन द्वारा नागरिकों पर लगातार हो रहे अंधाधुंध हमलों और बल प्रयोग के कारण नागरिकों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है और उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

मालूम हो कि म्यांमार में पिछले साल फरवरी में सेना ने आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को बंदूक के बल पर पलट दिया था और देश के शासन पर कब्जा कर लिया था। जिससे बाद से म्यांमार में जनता ने लोकत्रंत के समर्थन में सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था, जिसे सेना ने बड़ी ही कड़ाई से कुचल दिया था।

रिपोर्ट में बताया सैन्य तख्तापलट के बाद हुई हिंसा के पहले दौर में लगभग 694,300 से अधिक लोग बेघर हो गए थे, अभी ताजा मिली जानकारी के मुताबिक उस घटना के बाद लगभग 346,000 लोग सेना से लड़ते हुए विस्थापित हुए। जिनमें से ज्यादातर जातीय अल्पसंख्यक हैं और म्यांमार की सीमावर्ती क्षेत्रों में दशकों से अपनी स्वायत्तता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सैन्य तख्ता पलट के बाद हुई हिंसा के कारण लगभग 40,200 नागरिक पड़ोसी देशों की ओर पलायन कर गये। वहीं सेना ने लोकतांत्रिक सशस्त्र आंदोलन को दबाने के लिए लगभग 12,700 से अधिक घरों, चर्चों, मठों और स्कूलों सहित नागरिकों की संपत्तियों को भी बर्बाद कर दिया है।

यूएन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक विभिन्न संघर्षों, हिंसा और उत्पीड़न के कारण लगभग 100 मिलियन नागरिकों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है और विस्थापन का यह आंकड़ा वैश्विक आबादी के 1 फीसदी से अधिक है। 

यूएन के आंकड़े बताते हैं कि इथियोपिया, बुर्किना फासो, म्यांमार, नाइजीरिया, अफगानिस्तान और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो सहित विश्व के अन्य देशों में पिछले साल के अंत तक कुल 90 मिलियन लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गये थे, जिस आंकड़े को यूक्रेन-रूस ने 10 करोड़ के पार पहुंचा दिया है।

Web Title: UN: More than one million people were displaced in Myanmar military violence, about 100 million people have become homeless all over the world due to violence

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