संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में दुनिया भर में प्रति दिन कम से कम एक शरणार्थी बच्चे की मौत हुई है या लापता हुए हैं। भूमध्य सागर या अमेरिका-मेक्सिको सीमा से होकर गुजरने वाले इन जोखिम भरे रास्तों में मौत का यह सिलसिला जारी है।
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने अपनी नवीनतम ‘‘जानलेवा यात्राएं’’ नामक रिपोर्ट में कहा कि करीब 1,600 बच्चे- उनमें से कुछ 6 महीने के थे, उन 32,000 लोगों में शामिल हैं, जिनकी 2014 के बाद से खतरनाक यात्रा के दौरान मौत हो गई। भूमध्यसागर से होकर पार करना शरणार्थियों के लिए सबसे घातक मार्ग बना हुआ है, जिसमें 17,900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से कई की जान लीबिया और इटली के बीच खतरनाक यात्रा के दौरान चली गई।