यूक्रेन संकट: UN सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने की भारत ने बताई यह वजह...

By विशाल कुमार | Published: February 26, 2022 09:08 AM2022-02-26T09:08:20+5:302022-02-26T09:10:36+5:30

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में भारत के वोट न करने को लेकर कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।

ukraine crisis un security council resolution against russia india explains-move-to-abstain | यूक्रेन संकट: UN सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने की भारत ने बताई यह वजह...

यूक्रेन संकट: UN सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने की भारत ने बताई यह वजह...

Highlightsयूएन सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने के लिए प्रस्ताव को 15 में से 11 देशों ने समर्थन दिया।इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अनुपस्थित रहे।भारत ने कहा कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।

संयुक्त राष्ट्र:यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाले और उसके सैनिकों को तत्काल वापस बुलाने की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने के अपने फैसले का बचाव करते हुए भारत ने कहा कि सभी सदस्य देशों को मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत में शामिल होना चाहिए और रूस-यूक्रेन संकट के मद्देनजर इसे छोड़ दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में भारत के वोट न करने को लेकर कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।

तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, चाहे वह इस समय कितना भी कठिन क्यों न हो। यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से, भारत ने इस प्रस्ताव से दूर रहने का विकल्प चुना है।

बता दें कि, 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया और ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, रोमानिया और ब्रिटेन सहित 11 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं, इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अनुपस्थित रहे।

इस प्रस्ताव का गिरना तय था क्योंकि परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के पास वीटो शक्ति है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के साथ अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के पास वीटो शक्ति है।

Web Title: ukraine crisis un security council resolution against russia india explains-move-to-abstain

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