इथियोपिया के प्रधानमंत्री ने कहा : सेना को टिग्रे की राजधानी की ओर बढ़ने का आदेश दिया गया
By भाषा | Published: November 26, 2020 06:05 PM2020-11-26T18:05:01+5:302020-11-26T18:05:01+5:30
नैरोबी, 26 नवंबर (एपी) इथियोपिया के प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि टिग्रे नेताओं को आत्मसमर्पण करने के लिए दी गयी 72 घंटे की समयसीमा के समाप्त हो जाने के बाद सेना को अशांत टिग्रे प्रांत की राजधानी मेकेले की ओर बढ़ने का आदेश दिया गया है।
इसके साथ ही नगर के करीब पांच लाख निवासियों को चेतावनी दी गयी है कि वे घरों के अंदर ही रहें।
प्रधानमंत्री अबी अहमद के कार्यालय ने कहा कि तीन सप्ताह की लड़ाई के बाद सैन्य कार्रवाई "अपने अंतिम चरण में पहुंच गयी है"। इसका अर्थ है कि सेना टैंक और अन्य हथियारों के साथ मेकेले की ओर बढ़ सकती है। नगर के निवासियों को चेतावनी दी गयी है कि अगर वे टिग्रे नेताओं से दूरी नहीं बनाते हैं तो उनके साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
विभिन्न अधिकार समूहों ने ताजा घटनाक्रम को लेकर चिंता जतायी और कहा कि ऐसे बयानों से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो सकता है और नागरिकों की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।
प्रधानमंत्री के बयान में कहा गया है कि बुधवार शाम को समाप्त हुयी 72 घंटे की समयसीमा में हजारों टिग्रे लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया। इसमें कहा गया है, "हम नागरिकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे।"
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने लोगों के शहर से भागने की सूचना दी है लेकिन संचार और परिवहन संपर्क टूटे हुए हैं। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि मेकेले में कितने लोगों को समय से चेतावनी मिली। टिग्रे के क्षेत्रीय नेताओं से तत्काल संपर्क नहीं हो सका है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय तत्काल सैनिकों की वापसी, बातचीत और मानवीय पहुंच के लिए अनुरोध कर रहा है। पिछले साल के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अबी ने अंतरराष्ट्रीय "हस्तक्षेप" को खारिज कर दिया है। उनकी सरकार ने कहा है कि संघर्ष के मुद्दे पर अफ्रीकी संघ के तीन उच्च-स्तरीय दूत अबी के साथ मिल सकते हैं लेकिन वे टिग्रे नेताओं के साथ नहीं मिल सकते।
इथियोपिया की सेना और टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट के भारी सशस्त्र बलों के बीच चार नवंबर को लड़ाई शुरू हो गयी थी। टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट एक समय इथियोपिया की सरकार में हावी था लेकिन अबी के शासन में उसे दरकिनार कर दिया गया था। दोनों सरकारें अब एक-दूसरे को अवैध मानती हैं।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि टिग्रे क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गयी है और करीब 60 लाख की आबादी नाकेबंदी से पीड़ित है।
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