'इमरान खान को मिला है सेना का समर्थन', ऐसा हो सकता है उनका चेहरा

By भाषा | Published: September 21, 2018 04:38 PM2018-09-21T16:38:28+5:302018-09-21T16:38:28+5:30

थरूर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि लोकप्रिय क्रिक्रेटर खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रुप में निर्वाचन से दोनों देशों में खेल भावना आएगी। उन्होंने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच और क्रिक्रेट होते हुए देखना चाहेंगे।

Tharoor says Imran could be a 'wonderful face' for peace but on a condition | 'इमरान खान को मिला है सेना का समर्थन', ऐसा हो सकता है उनका चेहरा

'इमरान खान को मिला है सेना का समर्थन', ऐसा हो सकता है उनका चेहरा

न्यूयार्क, 21 सितंबरः कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘बिल्कुल ही स्पष्ट तौर पर’ सेना का समर्थन प्राप्त है और वह शांति का ‘अनोखा चेहरा’ या ‘शत्रुता की प्रभावी आवाज’ हो सकते हैं जो इस बात पर निर्भर करती है कि सेना क्या चाहती है। थरूर ने खान को ‘बहुत अच्छा इंसान’ और ‘अच्छा शख्स’ बताया जिसे वह लंबे समय से जानते हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन हमें यह समझना होगा कि उन्हें ‘बिल्कुल ही स्पष्ट तौर पर’ सेना का समर्थन प्राप्त है। थरूर ने बृहस्पतिवार को ‘इंडिया सूत्र’ नामक परिचर्चा में कहा कि खान अच्छे शख्स हैं और यदि सेना फैसला करती है कि उसे शांति चाहिए तो वह उस शांति के लिए अनोखा चेहरा होंगे लेकिन यदि सेना तय करती है कि उसे शत्रुता चाहिए तो मैं पक्का हूं कि वह शत्रुता के लिए उतनी ही प्रभावी आवाज भी होंगे।

थरूर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि लोकप्रिय क्रिक्रेटर खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रुप में निर्वाचन से दोनों देशों में खेल भावना आएगी। उन्होंने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच और क्रिक्रेट होते हुए देखना चाहेंगे।

‘इंडिया सूत्र’ एशिया सोसायटी में सीजन ऑफ इंडिया के तहत आयोजित जयपुर साहित्य उत्सव में एक परिचर्चा थी। हालांकि थरूर ने इस बात पर बल दिया कि भारत का पाकिस्तान के साथ 70 सालों से जो अनुभव रहा है, उससे पता चलता है कि वही होता है जो पाकिस्तानी सेना तय करती है, वही दोनों देशों के बीच किसी वास्तविक या स्थायी शांति की संभावना निर्धारित करेगी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अक्सर कहा है कि भारत में राज्य के पास सेना है और पाकिस्तान में सेना के पास एक राज्य है। पाकिस्तान में सेना ने प्रत्यक्ष रुप से 32 सालों तक शासन किया और परोक्ष रुप से 38 साल तक, इस दौरान उसने अनिवार्य तौर पर सरकार पर इस बात का नियंत्रण रखा कि सरकार क्या और कितना कर सकती है।

थरूर ने कहा, ‘‘हर बार पाकिस्तान की जब कोई नागरिक सरकार भारत के शांति के कदम के प्रत्युत्तर में कोई प्रगति करने का प्रयास करती है तो या तो पाकिस्तान की सेना की सीधी सैन्य कार्रवाई होती है ,जैसा कि कारगिल में हुआ या फिर पाकिस्तान की कुख्यात आईएसआई द्वारा आतंकवादियों को खुली छूट दे दी जाती है ,जैसा कि हमने 26.11 में देखा।’’

Web Title: Tharoor says Imran could be a 'wonderful face' for peace but on a condition

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