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तालिबान ने हिंदुओं, सिखों को दिया सुरक्षा का वचन, की अफगानिस्तान लौटने की अपील

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 26, 2022 17:40 IST

तालिबान ने हिंसा के कारण देश छोड़ने वाले सिख और हिंदूओं से अपील की है वो अफगानिस्तान वापसी करें, उन्हें सरकार द्वारा पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

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ठळक मुद्देतालिबान ने देश छोड़ने वाले सिख और हिंदूओं से कहा, वापस लौंटे अफगानिस्तान नहीं होगी दिक्कततालिबान सरकार ने सिख और हिंदूओं को दिया सुरक्षा के विशेष प्रावधान का हवाला तालिबान सिखों की विश्वास बहाली के लिए काबुल स्थित गुरुद्वारे का करा रहा है जीर्णोद्धार

काबुल:तालिबान ने भारतीय मूल के हिंदुओं और सिखों से अपील की है कि वो अफगानिस्तान वापस लौट आये क्योंकि तालिबान ने उनके सुरक्षा के संकट को दूर कर विया है और अब किसी भी तरह के हमले या आतंक से रहित वातावरण देने की पेशकश की है।

इस मामले में तालिबान राज्य मंत्री के कार्यालय के महानिदेशक डॉक्टर मुल्ला अब्दुल वसी ने 24 जुलाई को अफगानिस्तान के हिंदू और सिख परिषद के कई सदस्यों के साथ उनकी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर मुलाकात की, उसके बाद यह बयान सामने आया है।

डॉक्टर वसी ने देश की राजधानी काबुल में हिंदू और सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए हिंदुओं और सिखों को हमवतन की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि जो भी सिख और हिंदू सुरक्षा समस्याओं के कारण देश छोड़ गये हैं वो अफगानिस्तान लौट सकते हैं क्योंकि उनके लिए तालिबान सरकार ने विशेष सुरक्षा प्रावधान किया है।

तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बैठक के बाद सिख नेताओं ने काबुल स्थित सिखों के पवित्र गुरुद्वारे पर इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के हमले को रोकने के लिए तालिबान को धन्यवाद दिया है। मालूम हो कि बीते 18 जून को इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने काबुल में करता परवान गुरुद्वारे पर हमला किया। इस्लामिक स्टेट द्वारा किये गये इस जानलेवा हमले में एक सिख समेत कुल दो लोगों की मौत हुई थी।

इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने इस हमले को तब अंजाम दिया था, जब गुरुद्वारे में सुबह की प्रार्थना आयोजित की गई थी और उस समय गुरुद्वारा परिसर में करीब 25 से 30 लोग मौजूद थे। हमले के दौरान लगभग 10-15 लोग अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहे लेकिन गुरुद्वारे के गार्ड अहमद को हमलावरों ने मार डाला था।

तालिबान राज में बीते कुछ समय से अफगानिस्तान में हिंदू, सिख समेत कई धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ हिंसा हो रही है। पिछले साल अक्टूबर में काबुल में ही एक अन्य गुरुद्वारे में करीब 15 से 20 आतंकियों ने हमला किया था और वहां के गार्डों को बांध दिया था।

उससे पहले मार्च 2020 में भी काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हरराय साहिब गुरुद्वारे को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने निशाना बनाया था और उस महले में कुल 27 सिखों की जान चली गई थी। इस आतंकी घटनाओं के बीच तालिबान प्रशासन ने सिखों की विश्वास बहाली के लिए काबुल में गुरुद्वारा कर्ता परवन का जीर्णोद्धार कराने का फैसला लिया है, जिसे एक आतंकी हमले में भारी नुकसान हुआ था।

खबरों के मुताबिक तालिबान शासन सिखों और हिंदुओं पर हो रहे हमले को बेहद गंभीरता से ले रहा है और इस दिशा में सख्त कदम उठाने की बात कर रहा है। यही कारण है कि तालिबान गृह मंत्रालय का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने काबुल के गुरुद्वारे का दौरा किया और उनकी सुरक्षा के लिए मुकम्मल आदेश दिया है। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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