चीन को ताइवान ने दिया मुंहतोड़ जवाब, देश में घुसे ड्रैगन के लड़ाकू विमान को खदेड़ा

By अनुराग आनंद | Published: June 17, 2020 05:29 AM2020-06-17T05:29:02+5:302020-06-17T05:29:02+5:30

ताइवान की चेतावनी को चीनी फाइटर प्लेन के पायलट ने नजरअंदाज किया तो ताइवान की एयरफोर्स ने लड़ाकू विमानों के जरिये चीन के विमान को देश की सीमा से बाहर खदेड़ दिया।

Taiwan gave a befitting reply to China, chased away the Dragon's fighter aircraft into the country | चीन को ताइवान ने दिया मुंहतोड़ जवाब, देश में घुसे ड्रैगन के लड़ाकू विमान को खदेड़ा

ताइवान ने चीनी लड़ाकू विमान को खदेड़ा (फाइल फोटो सांकेतिक)

Highlightsताइवान के अनुसार पिछले हफ्ते मंगलवार को भी चीन के कई सुखोई 30 लड़ाकू विमान और अन्‍य फाइटर जेट ताइवान की सीमा में घुसे थे।शुक्रवार को भी चीन का वाई-8 प्रोपेलर विमान ताइवान की सीमा में घुसा था।

नई दिल्ली: दुनिया इस समय कोरोना संकट का सामना कर रही है। लेकिन, चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारत, ताइवान समेत कई दूसरे देशों पर सैन्य दवाब बनाकर अपनी बातें मनवाने की कोशिश कर रहा है। पिछले कई दिनों से चीनी सेना का फाइटर प्लेन ताइवान की सीमा में घुस जा रहा है। ऐसे में ताइवान ने पहले चीनी सेना को रेडियो के संदेश के जरिए समझाया और नहीं मानने पर देश में घुसे चीनी लड़ाकू विमान को अपने फाइटर प्लेन से खदेड़ दिया। 

एचटी रिपोर्ट की मानें तो चीन की ओर से की गई यह 1 हफ्ते में तीसरी घटना थी। बता दें कि ताइवान के मंत्रालय के अनुसार चीन का जे-10 लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में घुसा था। ताइवान की ओर से उसे सीमा क्षेत्र से बाहर जाने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन,जब उसने चेतावनी को नजरअंदाज किया तो ताइवान की एयरफोर्स ने लड़ाकू विमानों के जरिये चीन के लड़ाकू विमान को देश की सीमा से बाहर खदेड़ दिया।

ताइवान के अनुसार पिछले हफ्ते मंगलवार को भी चीन के कई सुखोई 30 लड़ाकू विमान और अन्‍य फाइटर जेट ताइवान की सीमा में घुसे थे। उन्‍हें भी बाहर जाने की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार को भी चीन का वाई-8 प्रोपेलर विमान ताइवान की सीमा में घुसा था। उसे सर्विलांस के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा रहा था। उसे भी ताइवान से दो बार हवाई सीमा क्षेत्र से बाहर जाने की चेतावनी दी थी।

चीन और ताइवान में टकराव की मुख्य वजह क्या है-

दरअसल, चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है। चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार ताइवान पर दवाब देकर यह मनवाने के लिए सेना का प्रयोग करते रही है।   ताइवान के पास अपनी खुद की सेना भी है। जिसे अमेरिका का समर्थन भी प्राप्त है। ताइवान में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सत्ता में आते ही चीन के साथ संबंध खराब हुए हैं।

बता दें कि 1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।

Web Title: Taiwan gave a befitting reply to China, chased away the Dragon's fighter aircraft into the country

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