फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के बच्चों ने उनकी ओर से लिया पुलित्जर पुरस्कार, पिछले साल तालिबान ने की थी उनकी हत्या
By रुस्तम राणा | Published: October 22, 2022 05:31 PM2022-10-22T17:31:22+5:302022-10-22T17:48:18+5:30
जुलाई 2021 में कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हुई झड़पों को कवर करने के दौरान दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी।
न्यूयॉर्क: रॉयटर्स के दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के बच्चों ने उनकी ओर से शनिवार को पुलित्जर पुरस्कार स्वीकार किया। दानिश सिद्दीकी पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान संघर्ष को कवर करते हुए तालिबान के द्वारा मार दिया गया था। कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हुई झड़पों को कवर करने के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। पुरस्कार समारोह में फोटो जर्नलिस्ट के 6 वर्षीय यूनुस सिद्दीकी और 4 साल की बिटिया सारा सिद्दीकी ने पुरस्कार प्राप्त किया।
दूसरी बार मिला है दानिश सिद्दीकी को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार
अपने पत्रकारिता के करियर में दानिश सिद्दीकी ने दुनिया भर में बड़े पैमाने पर संघर्षों को कवर किया था। उन्होंने अफगानिस्तान संघर्ष के अलावा हांगकांग विरोध और एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप की अन्य प्रमुख घटनाओं को व्यापक रूप से कवर किया था। उन्होंने 2018 में रोहिंग्या शरणार्थी संकट का दस्तावेजीकरण करने के लिए फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता था। तत्कालीन अफगानिस्तान सरकार और तालीबन के बीच हुए संघर्ष में उनकी
दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट के पिता हुए भावुक
दानिश के पिता अख्तर सिद्दीकी ने कहा कि वह अपने बेटे के काम को मान्यता मिलने से खुश हैं। दानिश आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन वह हमें गौरवान्वित और खुश करना जारी रखता है। पुलित्जर पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और मूल्य-आधारित पत्रकारिता के लिए मान्यता है।
दानिश सिद्दीकी ने कोविड के दौरान वार्डों में भी बिताय था समय
जर्नलिस्ट के पिता ने कहा, दानिश सिद्दीकी ने भागलपुर में दूरदराज के इलाकों की यात्रा की और भारत के कोविड महामारी के चरम के दौरान वार्डों में भी समय बिताया। उस दौरान दानिश ने कहा था कि उनके दो छोटे बच्चे हैं और वायरस के फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। फिर भी, उन्हें देश भर के लोगों की पीड़ा को कवर करने से कोई नहीं रोकता है।