15 वर्षीय हिंदू लड़की को किया अगवा, जबरन धर्म परिवर्तन कराकर बुजुर्ग मुस्लिम शख्स से निकाह?, कोर्ट ने कहा- बच्ची को परिवार से मिलाओ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 3, 2025 17:56 IST2025-11-03T17:56:15+5:302025-11-03T17:56:54+5:30
कराची से लगभग 310 किलोमीटर पूर्व में स्थित उमरकोट की एक अदालत ने सुनीता कुमारी महाराज को शनिवार को उनके परिवार से मिलाने का आदेश दिया।

सांकेतिक फोटो
कराचीः पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक अदालत के आदेश के बाद उस हिंदू लड़की को उसके परिवार के पास पहुंचा दिया गया जिसे अगवा कर लिया गया था और जबरन धर्म परिवर्तन कराकर एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति से निकाह करा दिया गया था। समुदाय के एक नेता ने यहां यह जानकारी दी। कराची से लगभग 310 किलोमीटर पूर्व में स्थित उमरकोट की एक अदालत ने सुनीता कुमारी महाराज को शनिवार को उनके परिवार से मिलाने का आदेश दिया। यह जानकारी हिंदू कार्यकर्ता शिव काछी ने दी, जो लड़की के माता-पिता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे थे।
सुनीता को मीरपुरखास जिले के कुनरी कस्बे से अगवा किया गया था और बाद में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया तथा एक उम्रदराज मुस्लिम व्यक्ति से उसका जबरन निकाह करा दिया गया था। स्थानीय हिंदू समुदाय के नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुनीता कुछ उन भाग्यशाली हिंदू लड़कियों में से एक है जिन्हें न्याय मिला है।
उमरकोट से अधिवक्ता चंदर कोहली ने सोमवार को कहा, ‘‘सुनीता का मामला कोई अकेला मामला नहीं है। हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और विवाह एक ऐसा संकट है जो सिंध में हमारे समुदाय को आतंकित कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि सुनीता के माता-पिता और कार्यकर्ताओं द्वारा मामला दर्ज कराए जाने के बाद पता चला कि वह उमरकोट में है।
अदालत ने कई सुनवाइयों के बाद उसे ‘सुरक्षित घर’ भेज दिया। किशोरी 10 अक्टूबर को मीरपुरखास ज़िले की एक सत्र अदालत में पेश हुई थी और उसने न्यायाधीश को बताया था कि उसे अगवा किया गया, उसका धर्म परिवर्तन कराया गया है और उसकी इच्छा के विरुद्ध एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति से उसका निकाह करा दिया गया।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों को अंतिम फ़ैसला आने तक लड़की को एक सुरक्षित घर में रखने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश मामलों में आरोपी अपनी शादी को कानूनी बताने और यह साबित करने कि इसमें लड़की (पीड़िता) की मर्जी शामिल है,फर्जी दस्तावेज पेश करते हैं।
पीड़ित लड़कियां ज्यादातर गरीब परिवारों से होती हैं, जिनके पास अपने मामले की पैरवी करने के लिए संसाधन नहीं होते या उन्हें ज्ञान नहीं होता।’’ कोहली ने कहा, ‘‘यही कारण है कि कई हिंदू नेता अब अधिक शिक्षित हिंदुओं को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे समुदाय के लिए एक बड़ा मुद्दा है।’’
इसी तरह के एक अन्य मामले में पिछले महीने की शुरुआत में 15 वर्षीय हिंदू लड़की ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक अदालत में अपने परिवार के पास लौटने की अनुमति देने की गुहार लगाई थी। उस लड़की का भी कथित तौर पर अपहरण किया गया था, उससे बलात्कार किया गया और इस्लाम में धर्मांतरण के बाद जबरन निकाह कराया गया था।