पाकिस्तान: शरीफ सरकार ने ऑडियो लीक केस में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत 2 अन्य जजों को हटाने की मांग की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 31, 2023 08:59 AM2023-05-31T08:59:46+5:302023-05-31T09:06:41+5:30
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने ऑडियो लीक में गठित न्यायिक आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल समेत 2 अन्य जजों को केस से अलग होने की मांग की है।
इस्लामाबाद:पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने हाल ही में ऑडियो लीक की सत्यता की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही पांच सदस्यीय पीठ के तीन सदस्यों पर मंगलवार को आपत्ति जताई। इस बेंच की अगुवाई खुद पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल कर रहे हैं और सरकार को उनके नाम पर आपत्ति है।
इससे पहले सरकार ने 20 मई को पाकिस्तान जांच आयोग अधिनियम 2017 की धारा 3 के तहत एक आयोग का गठन किया था। वरिष्ठ जज काजी फैज ईसा के नेतृत्व वाले इस आयोग में बलूचिस्तान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नईम अख्तर अफगान और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक भी शामिल थे। लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में पाक की सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की नियुक्ति के खिलाफ दायर चार याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उसकी जांच पर रोक दिया था।
पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत की ओर यह फैसला चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मुनीब अख्तर, जस्टिस सैयद हसन अजहर रिजवी और जस्टिस शाहिद वहीद की पांच सदस्यीय बेंच ने दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान चीप जस्टिस बांदियाल ने अपनी टिप्पणी में कहा, "मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि अदालत के न्यायाधीशों के बीच दरार पैदा करने के लिए प्रयास किए गए हैं।"
मुख्य न्यायाधीश की इस प्रतिकूल के बाद सरकार द्वारा नियुक्त आयोग ने अपनी कार्यवाही को तब तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया जब तक कि कोर्ट द्वारा आयोग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं आ जाता है। लेकिन ऑडियो लीक आयोग के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही बेंच के संबंध में शरीफ सरकार ने आपत्ति जताई है और उसने मांग की है कि मुख्य न्यायाधीश बांदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसान और जस्टिस मुनीब अख्तर को इस केस की सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए।
इसके साथ ही शरीफ सरकार की ओर से कहा गया है कि चीफ जस्टिस सुनवाई के लिए बेंच का पुनर्गठन करें और खुद समेत अन्य न्यायाधीश तात्काल उन याचिकाओं से खुद को अलग कर लें। याचिका में कहा गया है कि नैसर्गिक न्याय के नियमों में से एक यह भी है कि न्यायनिर्णायक को निष्पक्ष होना चाहिए।
रक्षा मंत्री ख्वाजा ने नेशनल असेंबली सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सीजेपी बांदियाल को न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऑडियो लीक मामलों की जांच कर रहे आयोग के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच से खुद को अलग कर लेना चाहिए।
इस संबंध में उन्होंने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी के एक मामले का हवाला दिया। जिसमें उनके बेटे रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज के साथ कानूनी लड़ाई में शामिल थे और उसमें पूर्व चीफ जस्टिस इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
उन्होंने कहा, "अगर पूर्व मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी अपने बेटे के केस में खुद को अलग कर सकते हैं तो मौजूदा मुख्य न्यायाधीश ऑडियो लीक मामले में को प्रभावित करने से रोकने के लिए उसी मिसाल का पालन क्यों नहीं कर सकते हैं।" मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा गठित आयोग के पीछे एकमात्र उद्देश्य अदालती कार्यवाही में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।