शहबाज शरीफ का दावा, "इमरान खान अपनी पसंद का सेना प्रमुख चाहते थे, मैंने इनकार कर दिया"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 30, 2022 02:00 PM2022-10-30T14:00:14+5:302022-10-30T14:16:35+5:30

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व पीएम इमरान खान को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया कि इमरान खान जनरल कमर जावेद बाजवा के रिटायर होने के बाद अपने पसंद का सेना प्रमुख बनवाना चाहते थे।

Shahbaz Sharif claims, "Imran Khan wanted army chief of his choice, I refused" | शहबाज शरीफ का दावा, "इमरान खान अपनी पसंद का सेना प्रमुख चाहते थे, मैंने इनकार कर दिया"

फाइल फोटो

Highlightsशहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख के नियुक्ति के विवाद में इमरान खान पर लगाया सनसनीखेज आरोपप्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि इमरान खान अपनी पसंद का सेना प्रमुख नियुक्त करवाना चाहते थे इमरान खान ने कॉमन फ्रेंड के जरिये शहबाज शरीफ को नये आर्मी चीफ के लिए तीन नाम भेजा था

लाहौर:पाकिस्तान में सेना प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में चल रहे विवाद में उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया कि इमरान खान जनरल कमर जावेद बाजवा के रिटायर होने के बाद अपने पसंद का सेना प्रमुख बनवाना चाहते थे लेकिन उन्होंने इमरान खान की इस मांग को ठुकरा दिया।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि पीटीआई चीफ इमरान खान ने एक महीने उनसे एक कॉमन फ्रेंड के जरिये संपर्क साधा था और नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में अपनी ओर से तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम भेजे थे। इमरान चाहते थे कि इन नामों को लेकर वो उनसे साथ बैठें लेकिन उन्होंने इस संबंध में इमरान खान के साथ बैठक करने से साफ इनकार कर दिया था।

पीएम शरीफ ने लाहौर में पत्रकारों से कहा कि इमरान खान उनसे दो मुद्दों पर बात करना चाहते हैं, जिसमें पहला मुद्दा नये सेना प्रमुख की नियुक्ति का था और दूसरा मुद्दा देश में आम चुनाव कराना था।

शरीफ ने कहा, "मैंने उनके प्रस्ताव को जानने के बाद अपनी ओर से केवल चुनाव और देश की अर्थव्यवस्था के संबंध में बातचीत करने का पेशकश भेजा था।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "इन बातों के साथ मैंने इमरान खान को स्पष्ट संदेश भेजा कि नये सेना प्रमुख की नियुक्ति का संवैधानिक अधिकार केवल देश के प्रधानमंत्री को है। इसलिए वो इस संबंध में अपने दम ही कोई फैसला लेंगे।"

इसके साथ ही पीएम शहबाज ने बीते गुरुवार को आईएसआई चीफ द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस के मुद्दे पर कहा, "आईएसआई के महानिदेशक ने प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले मुझसे मंजूरी ली थी। सेना की ओर से मुझे बताया गया कि वो इमरान खान द्वारा बार-बार सेना पर लगाये जा रहे आरोपों के बारे में मुल्क के सामने अपनी ओर से स्पष्टीकरण जारी करना चाहते हैं, जिसे मैंने भी ठीक समझा और सेना को ऐसा करने की इजाजत दी।

वहीं इमरान खान की सरकार के खिलाफ चलाई जा रही मौजूदा लाहौर से इस्लामाबाद मार्च के बारे में प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा, "खान ने पहली बार साल 2014 में इसी तरह के धरने का आयोजन किया था, जब चीन के राष्ट्रपति पाकिस्तान की आये थे। ऐसा करके इमरान खान उनकी यात्रा को खतरे में डाल दिया था और उस समय भी वो मुल्क में अशांति पैदा करने की योजना बना रहे थे, जैसा कि आज की तारीख में कर रहे हैं।

मालूम हो कि इमरान खान ने बीते 28 अक्टूबर को शरीफ शासन के खिलाफ लाहौर से इस्लामाबाद मार्च का आयोजन किया है। इमरान खान का कहना है कि वो मुल्क को आजाद कराने के लिए यह मार्च कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इमरान खान का इस साल में यह दूसरा लंबा मार्च है। यह मार्च 4 नवंबर को कमोंकी, गुजरांवाला, डस्का, सुम्ब्रियाल, लाला मूसा, खरियान, गुर्जर खान, रावलपिंडी से होते हुए इस्लामाबाद में दाखिल होगी।

Web Title: Shahbaz Sharif claims, "Imran Khan wanted army chief of his choice, I refused"

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