नेपाल के संसद में भारत के पक्ष में बोलना महिला सांसद को पड़ा महंगा, समाजवादी पार्टी ने किया निष्कासित
By अनुराग आनंद | Published: July 7, 2020 08:45 PM2020-07-07T20:45:34+5:302020-07-07T20:45:34+5:30
जब नए नक्शा को लेकर नेपाल के अधिकांश नेता केपी ओली के पक्ष में अपनी बात रख रहे थे, तब संसद सरिता गिरी ने इसे खारिज करने की मांग की।
काठमांडू: नेपाल के संसद में नए नक्शा को लेकर पेश विधेयक के विरोध में भारत का पक्ष लेते हुए बोलना नेपाल की समाजवादी सांसद सरिता गिरी को महंगा पड़ा है। खबर आ रही है कि समाजवादी पार्टी ने अपने सांसद सरिता गिरी को पार्टी से निकाल दिया है।
द हिमालयन टाइम्स की मानें तो सरिता गिरी प्रारंभ से ही केपी ओली सरकार के भारत विरोधी रवैये के खिलाफ बोलती रही है। पिछले दिनों जब नेपाल के संसद में नए नक्शा को लेकर संविधान संशोधन विधेयक पेश हुए तो सरिता ने भारत के पक्ष में बोलते हुए जमकर केपी ओली सरकार पर हमला किया था।
सरिता गिरी ने केपी ओली के संविधान संशोधन प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की थी-
जब नए नक्शा को लेकर नेपाल के अधिकांश नेता केपी ओली के पक्ष में अपनी बात रख रहे थे, तब संसद में अपना अलग से संशोधन प्रस्ताव डालते हुए जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने इसे खारिज करने की मांग की थी।
सरिता गिरी ने कहा कि आधिकारिक निर्णय का पत्र मुझे नहीं मिला है, लेकिन इस फैसले के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है। ये मेरे खिलाफ साजिश है। मुझे असंवैधानिक तरीके से निकाला गया है।
नेपाल ने बिहार में पड़ने वाले सीमा पर भी 12 जगह नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण किया-
बता दें कि एसएसबी ने पिछले दिनों मीडिया से बताया कि गंडक नदी के कटाव के कारण सुस्ता सहित कुछ स्थानों पर भूमि को लेकर विवाद है। ऐसे में नेपाल का एक दर्जन से अधिक जगहाें पर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण है। विवाद सुलझाने के प्रयास जारी हैं।
भारत की ओर से भी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। 1,751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर 8,000 पिलर हैं। इनमें से 1,240 गुम हैं। 2,500 पिलर नए सिरे से लगेंगे। पिलर गुम होने से पैट्रोलिंग में परेशानी आ रही है।
नेपाल ने गंडक नदी पर किया पुल निर्माण शुरू-
नेपाल पिछले कुछ माह से भारतीय सीमा पर काफी उग्र दिख रहा है। यही वजह है कि उसने नो मेंस लैंड वाले विवादित हिस्से में न सिर्फ सड़क बनाना शुरू कर दिया है बल्कि नदियों पर पुल भी बना रहा है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, नेपाल ने गंडक नदी के इस पार सुस्ता गांव में पुल निर्माण शुरू किया। भारत ने आपत्ति जताई तो निर्माण बीच में ही रोकना पड़ा।
इसके अलावा, जून के शुरू में वाल्मीकिनगर में त्रिवेणी घाट के पास बांध मरम्मत का नेपाल ने विरोध किया। भारत के कड़े रुख और एसएसबी के दखल से मामला शांत है। लेकिन स्लुइस गेट का निर्माण ठप है।