विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष लावरोव से की मुलाकात, कहा- 'हम यूक्रेन युद्ध के परिणाम देख रहे हैं'
By रुस्तम राणा | Published: November 8, 2022 04:43 PM2022-11-08T16:43:46+5:302022-11-08T16:44:53+5:30
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, हमारी आज की बैठक हमारे द्विपक्षीय सहयोग की स्थिति का आकलन करने, अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर परिप्रेक्ष्य में आदान-प्रदान और हमारे संबंधित हितों के लिए समर्पित है।
मास्को: यूक्रेन युद्ध के बीच विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मंगलवार को मास्को में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। विदेश मंत्री सोमवार शाम मास्को पहुंचे थे। फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव चार बार मिल चुके हैं।
इस अवसर पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, हमारी आज की बैठक हमारे द्विपक्षीय सहयोग की स्थिति का आकलन करने, अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर परिप्रेक्ष्य में आदान-प्रदान और हमारे संबंधित हितों के लिए समर्पित है। हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि हमारे साझा लक्ष्यों को कैसे हासिल किया जाए।
जयशंकर ने कहा, “हमारी सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर मजबूत और निरंतर संपर्क रहे हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में इस सितंबर में समरकंद में मुलाकात की और हमारे रक्षा मंत्रियों ने एक-दूसरे से बात की।”
विदेश मंत्री ने कहा "हम अब यूक्रेन संघर्ष के परिणाम देख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के अलावा अन्य मुद्दे भी हैं, दोनों का प्रगति और समृद्धि पर विघटनकारी प्रभाव पड़ता है।"
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज रूस के मॉस्को में मुलाकात की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 8, 2022
(सोर्स: रॉयटर्स) pic.twitter.com/tagul76TSJ
4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में मोदी ने कहा था कि "कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता" और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। जबकि 16 सितंबर को उज़्बेक शहर समरकंद में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने उनसे कहा था कि ''आज का युग युद्ध का नहीं है।''
भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और यह कायम रहा है कि कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान किया जाना चाहिए।