यूक्रेन पर रूस का अब तक का सबसे बड़ा हमला, दागीं 70 से अधिक मिसाइलें
By सत्या द्विवेदी | Published: December 17, 2022 12:31 PM2022-12-17T12:31:14+5:302022-12-17T12:31:14+5:30
बीते 10 महिनों से चल रही रूस और यूक्रेन की लड़ाई में रूस ने किया अब तक का सबसे बड़ा हमला। जिसके चलते मजबूरन कीव में आपातकालीन ब्लैकआउट लागू करना पड़ा।
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूस ने अपने सबसे बड़े हमलों में से एक में शुक्रवार को यूक्रेन पर 70 से अधिक मिसाइलें दागीं है। इन मिसाइल हमलों की वजह से यूक्रेन के कई शहरों में बिजली ठप हो चुकी है। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर कीव में मजबूरन आपातकालीन ब्लैकआउट घोषित करना पड़ा। इस हमले में मध्य कीव रिह में तीन लोगों की मौत हो गई और दक्षिण के खेरसॉन में गोलाबारी में एक अन्य की मौत हो गई। यूक्रेनी अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। इसके अलावा कई शहरों में पानी-बिजली का संकट हो गया है। मिसाइलें खासतौर पर बिजली-पानी से जुड़े बुनियादी ढांचों को निशाना बनाकर दागी गई थीं। यूक्रेनी एयरफोर्स के प्रवक्ता यूरी ईग्नत ने बताया, दोपहर एक बजे तक रूस ने 60 से ज्यादा मिसाइलें दागीं। कई जगह पर ड्रोन और आर्टिलरी तोप से भी हमला किया।
शुक्रवार शाम को एक वीडियो के जरिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों को धैर्य रखने का आग्रह किया और कहा कि रूस के पास अभी भी कई बड़े पैमाने पर हमलों के लिए पर्याप्त मिसाइलें हैं साथ ही उन्होंने फिर से पश्चिमी सहयोगियों से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि कीव को अधिक और बेहतर वायु रक्षा प्रणालियों की जरूरत है, पश्चिमी सहयोगी आपूर्ति करने में मदद करें।
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन युद्ध में वापसी करने के लिए काफी मजबूत है। मॉस्को के रॉकेट उपासक कितनी भी कोशिश कर लें, युद्ध में शक्ति का संतुलन नहीं बदलेगा।" कीव ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि मॉस्को ने अगले साल की शुरुआत में 24 फरवरी के आक्रमण के लगभग एक साल बाद एक नए ऑल-आउट आक्रमण की योजना बनाई है, जिसमें यूक्रेन के क्षेत्रों को मिसाइलों और तोपखाने द्वारा बर्बाद कर दिया गया है, लेकिन रूसी सेना ने बहुत कम हिस्से पर कब्जा किया है।
बता दें कि रूस ने कई युद्धक्षेत्रों में हार के बाद अक्टूबर की शुरुआत से लगभग साप्ताहिक रूप से यूक्रेनी ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर मिसाइलों की बारिश की है, लेकिन शुक्रवार के हमले ने पिछले हमलों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाया है। कुछ मरम्मत के बाद, यूक्रेनी ग्रिड ऑपरेटर उक्रेनर्गो ने आपातकाल लगा दिया। इसके चलते यूक्रेन को ब्लैकआउट के लिए मजबूर होना पड़ा।