ट्रंप ने की बड़ी कार्रवाई, अमेरिका से निकाले 60 रूसी राजनयिक, कहा-भारत के लिए कोई संदेश नहीं
By भाषा | Published: March 27, 2018 01:23 AM2018-03-27T01:23:49+5:302018-03-27T01:23:49+5:30
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सभी रूसी राजनयिकों और उनके परिवार को देश छोड़ने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह ब्रिटेन में पूर्व जासूस सरगई स्क्रिपल पर नर्व एजेंट के हमले के खिलाफ की गई कार्रवाई है।
वॉशिंगटन, 26 मार्चः अमेरिका ने सोमवार को रूस के 60 राजनयिकों को खुफिया अधिकारी बताते हुए निष्कासित कर दिया। इसके साथ हीअमेरिका ने सिएटल स्थित रूस के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया है। यह कार्रवाई ब्रिटेन में रूस के पूर्व जासूस पर कथित तौर पर मास्को द्वारा किए गए नर्व एजेंट के हमले को लेकर उसकी प्रतिक्रिया है। अमेरिका के इस फैसले ने शीत युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं।
निष्कासित राजनयिकों में से लगभग 12 संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी मिशन में पदस्थ हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने कहा, 'आज राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने अमेरिका से रूस के लगभग दर्जनभर खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया। इसके अलावा सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया क्योंकि यह हमारे पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है।'
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सभी रूसी राजनयिकों और उनके परिवार को देश छोड़ने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह ब्रिटेन में पूर्व जासूस सरगई स्क्रिपल पर नर्व एजेंट के हमले के खिलाफ की गई कार्रवाई है। इस हमले के लिए ब्रिटेन रूस को जिम्मेदार ठहराता है।
स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) हमले के बाद से ब्रिटेन के एक अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। मास्को ने इन आरोपों से इनकार किया है। ब्रिटेन रूस के 23 राजनयिकों को पहले ही निष्कासित कर चुका है। अमेरिका ने यह कार्रवाई अपने नाटो सहयोगियों और दुनियाभर के अपने साझेदारों के कदम के तालमेल में की है।
सेंडर्स ने कहा, 'आज की कार्रवाई, जिसमें अमेरिकियों पर जासूसी करने और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले गुप्त अभियान चलाने की रूस की क्षमता को घटाया गया है, इसके चलते अमेरिका और सुरक्षित हुआ है। यह कदम उठाकर अमेरिका और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों ने रूस को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी गतिविधियों के दुष्परिणाम होंगे।'
अमेरिकी सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रूस के 60 राजनयिकों के निष्कासन का मकसद भारत जैसे देश को कोई संदेश देना नहीं है जिसका मॉस्को और वाशिंगटन के साथ समान रिश्ता है। ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले पर अमेरिका ने 'खुफिया अधिकारी' बताते हुए रूस के 60 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और सीएटल में देश के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है ।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'हमारा इरादा भारत जैसे देश को कोई विशेष संदेश देने का नहीं है। भारत के साथ हमारी करीबी और असरदार भागीदारी है। मॉस्को की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों को लेकर यह है और हमारा संदेश रूसी संघ के नेताओं के लिए है।'
अमेरिका और रूस दोनों के साथ मजबूत संबंधों वाले भारत जैसे देशों पर ट्रंप प्रशासन के हालिया फैसले के असर संबंधी एक सवाल का वह जवाब दे रहे थे ।