रूस के संविधान में बदलावः समलैंगिक शादियां करने वाले जोड़ों की उम्मीद खत्म, जानिए मामला
By भाषा | Published: July 13, 2020 04:15 PM2020-07-13T16:15:13+5:302020-07-13T16:15:13+5:30
रूस में एक जुलाई से समलैंगिक शादियां करने वाले जोड़ों की उम्मीद खत्म हो गई। मतदताओें ने संविधान संशोधन में कई संशोधन को मंजूरी दे दी।
सेंट पीटर्सबर्गः रूस में समलैंगिक शादियां करने वाले जोड़ों की उम्मीद एक जुलाई को खत्म हो गई जब मतदाताओं ने संविधान में कई संशोधनों को मंजूरी दे दी और इनमें से एक बदलाव केवल महिला और पुरुष के बीच हुए विवाह को कानूनी मंजूरी देने से संबंधित है।
रूस में एलजीबीटी समुदाय के लोग गैर पारंपरिक लैंगिकता के खिलाफ खुलेआम दिखने वाले आक्रोश के कारण ज्यादा सामने नहीं आते हैं। 2017 में शादी करने वाली इरिना और एनेस्टेसिया की अपने घर में आधिकारिक रूप से शादी करने की सारी उम्मीदें एक जुलाई को इन संशोधनों के साथ धूमिल पड़ गईं। उन्हें अब वे अधिकार कभी नहीं मिल सकेंगे जो विपरीत लैंगिक जोड़ों को प्राप्त हैं।
उन्हें अदालत में अपने साथी के खिलाफ गवाही देने से इनकार करने की अनुमति नहीं होगी, उन्हें एक-दूसरे से विरासत में अपने आप कुछ नहीं मिलेगा और वे अस्पताल में एक-दूसरे को देखने नहीं जा सकते जो केवल परिवार के सदस्यों को आने की अनुमति देते हैं।
किसी एक साथी के बच्चे पर दूसरे साथी का कानूनी अधिकार नहीं होगा। भले ही रूस ने दशकों पहले समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, लेकिन समलैंगिकों के खिलाफ द्वेष अब भी बहुत ज्यादा है। मॉस्को की नगर सरकार ने 2012 में ‘गे प्राइड परेड’ को अगले 100 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। अगले साल, संसद ने सर्वसम्मति से एक कानून पारित किया जो नाबालिगों के बीच, “गैर पारंपरिक यौन संबंधों के दुष्प्रचार को” रोकता है। यहां समलैंगिक समुदाय पर अक्सर हमले होते रहते हैं।
थाईलैंड में समलैंगिक प्रेम संबंधों को मंजूरी देने वाला विधेयक पारित
थाईलैंड के मंत्रिमंडल ने उन दो विधेयकों के मसौदों को मंजूरी दे दी है जिनसे समलैंगिक प्रेम संबंधों को कानूनी मान्यता दी जा सकेगी। सरकार की उप प्रवक्ता रत्चदा थानदिरेक ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि सिविल पार्टनरशिप एक्ट और सिविल एंड कर्मशियल कोड में संशोधनों को मंजूरी के लिए जल्द ही संसद के पास भेजा जाएगा।
सिविल पार्टनरशिप एक्ट से समलैंगिक जोड़ों को अपनी शादी पंजीकृत कराने की मंजूरी मिल जाएगी अगर वे दोनों कम से कम 17 वर्ष के हैं और उनमें से कोई एक थाइलैंड का नागरिक है। हालांकि उनके प्रेम संबंधों को विवाह के तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है लेकिन इससे कई कानूनी अधिकार मिल जाएंगे जो विपरीत लिंग के दंपत्तियों को दिए जाते हैं जैसे कि बच्चे को गोद लेने का अधिकार।
इस विधेयक को तैयार करने में मदद करने वाले रेनबो स्काई ऑफ थाईलैंड के अध्यक्ष कित्तिनन धरमाधज ने कहा कि बुधवार को जिस मसौदे को मंजूरी दी गई वो पहले के विधेयकों में संशोधन है लेकिन एलजीबीटीक्यू समुदाय के कुछ सदस्यों का मानना है कि इसमें पर्याप्त रूप से समान अधिकार सुनिश्चित नहीं किए गए हैं।