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कोरोना पर चीन ने बोला झूठ! WHO को बताने से महीनों पहले बढ़ गई थी वुहान में टेस्ट किट की खरीद: रिपोर्ट में दावा

By विनीत कुमार | Updated: October 5, 2021 11:19 IST

साइबर सिक्योरिटी कंपनी Internet 2.0 ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि चीन के हुबेई प्रांत में 2019 में पीसीआर की खरीद काफी तेजी से बढ़ी थी। साल के दूसरे भाग में इसमें और वृद्धि हुई।

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी छुपाने के आरोप चीन पर लगते रहे हैं। कई देशों ने चीन पर सवाल भी उठाए हैं। इन सबके बीच एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी के रिसर्च में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। इसके अनुसार चीन के जिस प्रांत में कोरोना के मामले सबसे पहले सामने आए और महामारी का केंद्र बना, वहां महीनों पहले से ही इस बीमारी की जांच के लिए इस्तेमाल में आने वाली किट की खरीदारी बड़ी संख्या में शुरू हो गई थी। जबकि अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों को कोरोना के बारे में तब चीन की ओर से कुछ बताया भी नहीं गया था।

चीन के हुबेई प्रांत में बढ़ गई थी कोरोना टेस्टिंग किट की खरीद

ऑस्ट्रेलियाई-अमेरिकी फर्म  Internet 2.0 के रिसर्च के अनुसार पोलीमेरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) की खरीददारी 2019 में हुबेई प्रांत में अचानक काफी बढ़ गई थी। साल के दूसरे भाग में इसमें और तेजी आई। पीसीआर वह तरीका है जिससे जांचकर्ता संक्रामक या जेनेटिक बीमारी को लेकर डीएनए सैंपल की जांच करते हैं।  वुहान शहर हुबेई प्रांत की राजधानी है जिसके बारे में कहा जाता है कि कोरोना का पहला मामला यहीं से आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले बताया था कि चीन के अधिकारियों ने उसे 31 दिसंबर 2019 को पहली बार सूचित किया था कि शहर में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं, जिसका कारण ज्ञात नहीं है।

इसके बाद 7 जनवरी, 2020 को चीनी अधिकारियों ने एक नए प्रकार के कोरोना वायरस की पहचान की, जिसे SARS-CoV-2 के रूप में जाना गया। इसी वायरस Covid-19 बीमारी फैली। उसके बाद से यह दुनिया के लगभग हर कोने में फैल गया और आज 230 मिलियन से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 48 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

चीन में काफी पहले फैल गई थी कोरोना महामारी

रिसर्च के आधार पर इंटरनेट 2.0 ने दावा किया है कि चीन ने जब WHO को कोविड -19 के बारे में सूचित किया था, उससे काफी पहले ही ये महामारी शुरू हो गई थी।

हालांकि, कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि इंटरनेट 2.0 की रिपोर्ट में इस तरह के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है। कुछ जानकारों का कहना है कि पीसीआर परीक्षण में वृद्धि से निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है क्योंकि ये कई सालों से किसी भी संक्रामक बीमारी के टेस्ट के लिए व्यापक रूप से उपयोग में आता है और इसी लोकप्रियता बढ़ रही है। 

इसके अलावा, पीसीआर उपकरण व्यापक रूप से कोविड-19 के अलावा कई अन्य रोगाणु के टेस्ट के लिए भी प्रयोगशालाओं में उपयोग किया जाता है और इसमें जानवरों में भी शामिल है। साथ ही चीन 2019 में पूरे देश में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के प्रकोप से भी जूझ रहा था।

टॅग्स :कोरोना वायरसचीनवुहानWorld Health Organization
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