रिपोर्ट में हुआ खुलासा: चीन में कोरोना वायरस ने पिछले साल 6 अक्टूबर से 11 दिसंबर के बीच दी थी दस्तक
By मनाली रस्तोगी | Published: May 7, 2020 03:05 PM2020-05-07T15:05:49+5:302020-05-07T15:05:49+5:30
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोरोना वायरस ने 6 अक्टूबर, 2019 से लेकर 11 दिसंबर, 2019 के बीच दस्तक दी थी।
लंदन: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि चीन में कोरोना वायरस ने पिछले साल यानी 2019 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच दस्तक दी थी। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि चीन में 6 अक्टूबर, 2019 से लेकर 11 दिसंबर, 2019 के बीच कोरोना वायरस इंसानों में फैला।
यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने अध्ययन में दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में से 7,500 से अधिक को शामिल कर विषाणु के जीन का विश्लेषण किया। इसमें उन्होंने महामारी फैलाने वाले सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) में लगभग 200 आनुवंशिक उत्परिवर्तनों की पहचान की है। जीवविज्ञान में जीन में होने वाले स्थायी परिवर्तन को उत्परिवर्तन कहा जाता है। नए कोरोना वायरस में उत्परिवर्तनों की पहचान से दवा या टीके के विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।
जर्नल इंफेक्शन, जेनेटिक्स एंड इवोल्यूशन नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के शोधकर्ता फ्रेंकोइस बलोक्स ने लिखा कि कोरोना वायरस में परिवर्तन हो रहा है, लेकिन ये मतलब नहीं कि वह बिगड़ रहा है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के अध्ययन में सार्स-कोव-2 की वैश्विक आनुवंशिक विविधता का एक बड़ा हिस्सा कोविड-19 (COVID-19) महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों में मिला।
वैज्ञानिकों ने 198 उत्परिवर्तनों की पहचान की जो स्वतंत्र रूप से एक से अधिक बार घटित हुए प्रतीत होते हैं। इससे यह अनुमान मिल सकता है कि यह विषाणु किस तरह अपना रूप बदलता है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया की स्थिति बेहद खराब है। यही नहीं, यूरोप इस समय कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है।
वर्ल्डओमीटर द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों की बात करें तो अभी तक दुनिया भर में कुल 3,835,832 कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से अब तक 265,321 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
(भाषा इनपुट भी)