ऋषि सुनक ने लिज़ ट्रस से पिछड़ने के बाद कहा, 'ब्रिटिश पीएम की रेस में नस्लवाद कोई मुद्दा नहीं है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 31, 2022 07:38 PM2022-07-31T19:38:36+5:302022-07-31T19:43:57+5:30
ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौड़ में किस्मत आजमा रहे भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने 5 सितंबर को समाप्त होने वाले पीएम पद के चुनाव अभियान के सर्वे में सामने आ रही टोरी सदस्यों के पोस्टल बैलट मतदान में नस्लवाद की बात को अस्वीकार कर दिया है।
लंदन: भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनेता और प्रधानमंत्री की रेस में दौड़ लगा रहे ऋषि सनक ने रविवार को कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी चयन के लिए वोट करते समय नस्लवाद को मुद्दा नहीं बनाएंगे।
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और विदेश सचिव लिज़ ट्रस से पीछे चल रहे ऋषि ने 5 सितंबर को समाप्त होने वाले पीएम पद के चुनाव अभियान के सर्वे में सामने आ रही टोरी सदस्यों के पोस्टल बैलट मतदान में नस्लवाद की बात को अस्वीकार कर दिया है। टोरी मेंबर अगले हफ्ते पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान में हिस्सा लेंगे।
दरअसल टोरी सहस्यों पर चुनाव में नस्लवाद का आरोप इसलिए लग रहे है क्योंकि ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के मुखिया लॉर्ड रामी रेंजर ने पिछले हफ्ते एक वीडियो में कहा था कि अगर सुनक टोरी नेतृत्व का चुनाव हार जाते हैं तो इसे ब्रिटेन में नस्लवाद के रूप में देखा जाएगा।
वहीं इस मुद्दे पर लंदन के 'द डेली टेलीग्राफ' से बात करते हुए सुनक ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि नस्लवाद प्रधानमंत्री पद के नेता को तय करने में बहुत बड़ा रोल प्ले करने वाला है। ऐसा मुझे बिल्कुल नहीं लगता है।"
अपनी बात को साबित करने के लिए टोरी सांसद सुनक ने कहा, "मुझे रिचमंड में संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। हमारी पार्टी के सदस्यों ने योग्यता को बाकी सब बातों से ऊपर रखा। मुझे यकीन है कि जब वे विषय में सोच रहे होंगे तो उनके मन यह विचार भी आ रहा होगा कि प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी नजर में सबसे बेहतर कौन होगा। प्रिटिश पीएम के चुनाव में नस्लवाद और बाकी सभी चीजों से कोई लेना-देना नहीं है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैं एक ऐसे देश का निर्माण कर सकता हूं, जहां हमारा समाज कड़ी मेहनत और विशेषताओं पर स्वयं को परिभाषित करने का प्रयास करेगा। मैं एक ऐसे समाज की कल्पना करता हूं, जहां विश्व स्तरीय शिक्षा हर बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार हो क्योंकि हम एक ऐसा समाज में रहते हैं, जो पूरे विश्व में शालीनता का मानक तय करती है।"
ऋषि सनक ने आगे कहा, "हमें अपनी एकता, अखंडता, इतिहास और हमारी परंपराओं पर वास्तव में गर्व होता है।" पूर्व सरकार में वित्त मंत्री रहे सुनक ने कहा कि जनता की भलाई के लिए कर कटौती का प्रमुख मुद्दा बनने से उन्हें निराशा हो रही है। सुनक की ओर इशारा लिज़ ट्रस की ओर था।