नई दिल्ली: न्यूजीलैंड की एक सेक्स वर्कर को एक कारोबारी के खिलाफ यौन शोषण का केस दायर करने के बाद 6 अंकों की रकम मिलेगी। मानवाधिकार संगठन ने कहा कि समझौते में मुआवजे की यह रकम महिला की भावनात्मक क्षति और कमाई गंवाने की भरपाई करेगी।
डेली मेल के मुताबिक, बतौर संगठन सभी सेक्स वर्कर्स को काम पर यौन उत्पीड़न से आजादी का अधिकार होता है। बता दें कि 2003 में न्यूजीलैंड में सेक्स वर्कर को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए कानून पास किया गया है।
इस मामले में मानवाधिकार मामलों के निदेशक माइकल टिमिन्स ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है। उन्होंने कहा कि सभी श्रमिक चाहे वे जिस भी प्रकार का काम करते हों, उन्हें कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न से मुक्ति का अधिकार है।
देश के मानवाधिकार अधिनियम के तहत वेश्याओं को यौन उत्पीड़न से बचाया जाना चाहिए
बता दें कि इस मामले में भी सेक्स वर्कर ने ह्यूमन राइट्स रिव्यू ट्रिब्यूनल में यौन उत्पीड़न की कार्यवाही दायर की। इसी तरह के एक मामले में 2014 में फैसला सुनाते हुए एक सरकारी ट्रिब्यूनल ने कहा था कि वेश्याओं को देश के मानवाधिकार अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न से बचाया जाना चाहिए।
न्यूजीलैंड सेक्स वर्कर्स की राष्ट्रीय समन्वयक ने ये कहा-
इस मामले में न्यूजीलैंड सेक्स वर्कर्स की राष्ट्रीय समन्वयक डेम कैथरीन हीली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सेक्स वर्कर्स के पक्ष में इस तरह के फैसला को सुनकर बेहद खुशी होती है। उन्होंने कहा कि हर वर्ग के लोगों के लिए न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए इस तरह के फैसले के स्वागत किए जाने की जरूरत है।