मलाबो, 9 अप्रैल। अफ्रीका के सभी मित्र-राष्ट्रों को प्राथमिकता दिए जाने को भारत सरकार की नीति बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि इक्वेटोरियल गिनी के साथ भारत के सम्बन्धों में एक नए दौर की शुरुआत हो रही है और हम इस देश में कौशल-विकास और 'क्षमता निर्माण' में सहायता करने को प्रतिबद्ध हैं । राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने रविवार को इक्वेटोरियल गिनी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, भारत के राष्ट्रपति की इस सुंदर देश की यह पहली यात्रा है।
उन्होंने कहा, इक्वेटोरियल गिनी के साथ भारत के संबंधों में एक नए दौर की शुरुआत से जुड़ना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। इक्वेटोरियल गिनी के राष्ट्रपति के साथ मेरी अच्छी और उपयोगी बातचीत हुई। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और इक्वेटोरियल गिनी के सम्बन्धों में जो गहराई आई है उसे और शक्ति प्रदान करनी है ताकि हमारे आपसी संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकें।
उन्होंने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी समेत अफ्रीका के सभी मित्र-राष्ट्रों को प्राथमिकता देना भारत सरकार की नीति है। अफ्रीका की यह उनकी तीसरी यात्रा है। इस यात्रा के दौरान वह यहां से ज़ाम्बिया और स्वाज़ीलैंड भी जायेंगे। भारत और इक्वेटोरियल गिनी, दोनों ही उपनिवेश रहे हैं और संघर्ष करके आज़ाद हुए हैं। दोनों के बीच परस्पर सीखने की बहुत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, मुझे बहुत आशा है कि मेरी इक्वेटोरियल गिनी की इस यात्रा से हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में नए आयाम जुड़ेंगे और हमारे सम्बन्धों में बढ़ोतरी होती रहेगी। दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर जोर देते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। यह जानकारी आप सब के लिए महत्वपूर्ण है, और उपयोगी भी है। आप सबको चाहिए कि आप तेजी से हो रहे इन बदलावों की जानकारी हासिल करते रहें।
उन्होंने कहा कि भारत और इक्वेटोरियल गिनी के बीच व्यापार और निवेश की बहुत संभावनाएं हैं और कृषि तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के व्यापार में दोनों देश अपना योगदान दे सकते हैं। इक्वेटोरियल गिनी के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने की भारत सरकार की तत्परता को रेखांकित करते हुए कोविंद ने कहा, हम इक्वेटोरियल गिनी में कौशल-विकास और ‘क्षमता निर्माण’ में सहायता करने के लिए वचनबद्ध हैं। भारत सरकार ने यहां एक ‘इंगलिश ट्रेनिंग लैबोरेटरी’ तथा एक ‘ उद्यमिता विकास एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र’ खोलने का प्रस्ताव किया है।
उन्होंने कहा कि भारतवासियों के दिलों में अफ्रीका महादेश के लिए एक बहुत ही खास जगह है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपनी गहरी छाप छोड़ी थी और नेल्सन मंडेला भी गांधी जी को अपना आदर्श मानते थे। भारतीय समुदाय के आप सभी लोग यहां भारत के ‘कल्चरल एम्बेसेडर’ हैं। आप सबके कारण ही इस देश में भारत की संस्कृति और परंपरा के बारे में जानकारी बढ़ी है। आप अपने सभी त्योहार उत्साह के साथ मनाइये और यहां के अपने दोस्तों को अपने त्योहारों में शामिल कीजिये। ’’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने पूरी दुनिया में बसे हुए प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों के साथ जुड़ने और उन्हें भारत के विकास के साथ जोड़ने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। नई दिल्ली में एक ‘प्रवासी भारतीय केंद्र’ की स्थापना की गई है। यह केंद्र सभी प्रवासी भारतीयों के लिए एक ‘वन स्टॉप रिसोर्स सेंटर’ है।
कोविंद ने कहा, ‘‘ मैं आप सबको प्रोत्साहित करना चाहता हूं कि आप सभी इन सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग करें। यहां इक्वेटोरियल गिनी में भारत के दूतावास के निर्माण के लिए सैद्धान्तिक रूप से निर्णय ले लिया गया है। यहां दूतावास का परिसर बन जाने से आप सबको और अधिक सुविधा होगी।’’
राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय के लोगों से कहा कि भारत में उपलब्ध हर प्रकार की सामग्री, अनुभव और जानकारी उन सभी को उपलब्ध है । इसका इस्तेमाल वे अपने विकास के लिए कर सकते हैं और अपनी प्रतिभा और उत्साह को ‘सूचना और संचार प्रौद्योगिकी’ तथा अन्य आधुनिक विकास के क्षेत्रों में लगाकर आप सब अपने विकास को नई दिशा दे सकते हैं। साथ ही दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति और प्रतिष्ठा बढ़ाने में भी आप महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।