प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्गाटन किया, जानिए इस भव्य मंदिर की खासियत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 14, 2024 18:59 IST2024-02-14T18:58:35+5:302024-02-14T18:59:23+5:30
इस मंदिर को ज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्गाटन किया
अबू धाबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूधाबी में पत्थरों से बने पहले हिंदू मंदिर का उद्गाटन किया। दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात ने दान में दी है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi inaugurates the Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha (BAPS) Mandir in Abu Dhabi.pic.twitter.com/2J5kQ1NjMu
— ANI (@ANI) February 14, 2024
मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं जो संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं। मेजबान देश को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी, ऊंट और शेर जैसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जानवरों के साथ-साथ यूएई के राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी मंदिर के डिजाइन में शामिल किया गया है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi offers prayers at the Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha (BAPS) Mandir, the first Hindu temple in Abu Dhabi.pic.twitter.com/6vi2CqTqK4
— ANI (@ANI) February 14, 2024
दिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों के अलावा माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी दर्शाया गया है। मंदिर में ‘शांति का गुंबद’ और ‘सौहार्द का गुंबद’ भी बनाया गया है।
इस मंदिर को ज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए उड़न राख यानी ‘फ्लाई ऐश’ (कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख) का उपयोग किया गया है। इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है।
तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है, तो मंदिर इसका पता लगा लेगा।