अर्जेंटीना की सरकार मेरा सिर काट देना चाहती थी: पोप फ्रांसिस
By विनीत कुमार | Published: May 10, 2023 02:22 PM2023-05-10T14:22:50+5:302023-05-10T14:46:30+5:30
पोप फ्रांसिस ने कहा है कि एक समय अर्जेंटीना की सरकार उनका गला काट देना चाहती थी। हंगरी में उन्होंने यह टिप्पणी की।

अर्जेंटीना की सरकार मेरा सिर काट देना चाहती थी: पोप फ्रांसिस
बुडापेस्ट: पोप फ्रांसिस ने कहा कि जब वह एक दशक से अधिक समय पहले ब्यूनस आयर्स के आर्चबिशप थे, तब अर्जेंटीना सरकार झूठे आरोपों को लगाकर 'मेरा सिर काट देना' चाहती थी। पोप ने कहा कि यह झूठ आरोप कुछ ऐसे थे कि उन्होंने 1970 के दशक की सैन्य तानाशाही के साथ सहयोग किया।
फ्रांसिस ने 29 अप्रैल को जेसुइट्स (jesuits) के साथ एक निजी बातचीत में यह टिप्पणी की, जब वह हंगरी के दौरे पर थे। पोप फ्रांसिस भी एक जेसुइट हैं और उनकी टिप्पणियां मंगलवार को इतालवी जेसुइट जर्नल 'सिविल्टा कैटोलिका' (Civilta Cattolica) में प्रकाशित हुईं।
फादर फ्रैंक जैलिक्स की गिरफ्तारी से जुड़ी है घटना
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार पोप फ्रांसिस की यात्रा के दौरान जेसुइट धार्मिक व्यवस्था के हंगरी के एक सदस्य ने हंगरी में जन्मे जेसुइट फादर फ्रैंक जैलिक्स के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछा, जिन्होंने ब्यूनस आयर्स की झोपड़पट्टी में सामाजिक कार्य किया था और जिन्हें वामपंथी लड़कों की मदद करने के संदेह में सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
जैलिक्स अब इस दुनिया में नहीं है। उन्हें 1976 में एक अन्य जेसुइट प्रिस्ट ऑरलैंडो योरियो के साथ गिरफ्तार किया गया था। योरियो उरुग्वे के थे। साल 2000 में योरियो की मृत्यु हो गई थी। इसके अगले साल 2021 में जैलिक्स का भी निधन हो गया।
जब 2013 में फ्रांसिस को पोप चुना गया था, तो अर्जेंटीना के एक पत्रकार ने फ्रांसिस पर वामपंथियों के खिलाफ सेना के 'गंदे युद्ध' के दौरान दो प्रिस्ट को धोखा देने का आरोप लगाया था।
मेरे द्वारा जैलिक्स को गिरफ्तार कराने की फैल गई थी बातें: पोप फ्रंसिस
फ्रांसिस ने कहा, 'स्थिति (तानाशाही के दौरान) वास्तव में बहुत भ्रमित और अनिश्चित थी। तब ऐसी अफवाहें फैली कि मैंने उन्हें कैद करने के लिए सौंप दिया था।'
फ्रांसिस ने हमेशा इसका खंडन किया है और जब वह पोप चुने गए तो जैलिक्स ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि उनकी गिरफ्तारी पोप की गलती नहीं थी। साल 2010 में जिस समय तक भविष्य के पोप ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप बन गए थे, उन्होंने तानाशाही की अवधि के दौरान के मामलों की जांच करने वाले तीन-न्यायाधीशों के पैनल के सामने गवाही दी थी।
फ्रांसिस ने कहा, 'सरकार में कुछ लोग 'मेरा सिर काटना' चाहते थे... (लेकिन) अंत में मेरी बेगुनाही साबित हुई।'
पोप ने हालांकि विस्तृत विवरण नहीं दिया, लेकिन ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप के रूप में उनके संबंध राष्ट्रपति रहीं क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किरचनर की सरकार के साथ बहुत तनापूर्ण रहे थे। क्रिस्टीना 2007-2015 तक इस पद पर रही थीं। उन्होंने फ्रांसिस पर राजनीतिक रूप से पक्ष लेने का आरोप भी लगाया था।
हंगरी में जेसुइट्स के साथ बातचीत में फ्रांसिस ने कहा कि पोप बनने के बाद वह उन तीन न्यायाधीशों में से एक से मिले थे, जिन्होंने 2010 में उनसे पूछताछ की थी 'और उन्होंने मुझे स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें मुझे दोषी ठहराने के लिए सरकार से निर्देश मिले हैं।'