हागिया सोफिया को मस्जिद में बदले जाने के तुर्की के फैसले पर पोप फ्रांसिस ने जताई निराशा, कहा- मैं दुखी हूं
By विनीत कुमार | Published: July 13, 2020 09:49 AM2020-07-13T09:49:46+5:302020-07-13T10:02:27+5:30
हागिया सोफिया को मस्जिद में बदले जाने के फैसले पर पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वे इससे दुखी हैं। हागिया सोफिया इस्तांबुल में स्थित है और इसका निर्माण चर्च के तौर पर हुआ था।
पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वे तुर्की द्वारा इस्तांबुल के हागिया सोफिया म्यूजियम के एक बार फिर मस्जिद में बदले जाने से निराश हैं। वेटिकन में उन्होंने कहा कि वे इस्तांबुल के बारे में सोच रहे हैं। हागिया सोफिया को कैथेड्रल चर्च के तौर पर करीब 1500 साल पहले बनाया गया था। हालांकि, बाद में 1453 में आटोमन वॉर के बाद इसे मस्जिद में बदल दिया गया था।
यूनेस्को के वैश्विक धरोहरों में शामिल इस इमारत को 1934 में कैबिनेट के फैसले के बाद इसे एक म्यूजियम में बदला गया। हालांकि, पिछले ही हफ्ते तुर्की की एक कोर्ट ने 1934 की सरकार के फैसले को पलट दिया, जिसके बाद एर्दोआन ने इसे नमाज़ के लिए खोलने की घोषणा की।
पोप फ्रांसिस ने हालांकि, इस पूरे मुद्दे पर बेहद कम शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'मैं सांता सोफिया के बारे में सोच रहा हूं और मैं बहुत निराश हूं।' बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रिकेप ताइयिप एर्डोगन ने कहा है कि हागिया सोफिया में 24 जुलाई पहली नमाज पढ़ी जाएगी।
बता दें कि तुर्की के इस फैसले की कई जगहों पर आलोचना भी हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस फैसले से देश में मतभेद पैदा होगा। हाल में विश्व गिरजाघर परिषद के प्रमुख ने भी तुर्की के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस्तांबुल के ऐतिहासिक स्थल ‘हागिया सोफिया’ का दर्जा संग्रहालय से बदलकर मस्जिद करने के फैसले पर दुख और निराशा जताई थी।
जिनेवा स्थित संगठन द्वारा पिछले हफ्ते शनिवार को जारी पत्र में अंतरिम महासचिव इओन सॉसा ने कहा कि विश्व धरोहर संग्रहालय के तौर पर, 'हागिया सोफिया खुलेपन और सभी राष्ट्रों के लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्थान रहा है।' अब तक लाखों पर्यटक हर साल इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करने आते रहे थे।