नन और पादरी भी इंटरनेट पर देखते हैं पोर्न, पोप फ्रांसिस ने कबूला सच, कहा-इस तरह आम आदमी शैतान बन जाता है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2022 01:24 PM2022-10-27T13:24:28+5:302022-10-27T13:39:52+5:30
रोमन कैथोलिक चर्च में भविष्य के धार्मिक नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पादरी और नन भी सामान्य लोगों की तरह ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखते हैं।
ईसाइयों के सर्वोच्च गुरु पोप फ्रांसिस के एक खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है। पोप ने कहा है कि नन और पादरी भी इंटरनेट पर पोर्न देखते हैं। उन्होंने ऐसा करनेवालों को शैतान बताया है। रोमन कैथोलिक चर्च में भविष्य के धार्मिक नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पादरी और नन भी सामान्य लोगों की तरह ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखते हैं। पोप ने कहा कि यह एक ऐसी बुराई है जो कई लोगों, कई आम पुरुषों, कई आम महिलाओं और पुजारियों और ननों में है। और शैतान यहीं से प्रवेश करता है।
दरअसल सम्मेलन के दौरान चर्च के एक छात्र ने 85 वर्षीय पोप से पूछा कि क्या भक्तों को सेल फोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए? इस पर पोप फ्रांसिस ने जवाब देते हुए कहा कि आप इनका प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल संवाद करने और केवल सहायता प्राप्त करने के लिए करें।
यूरोपीय टाइम्स के अनुसार, पोप फ्रांसिस ने कहा कि मैं सिर्फ आपराधिक अश्लील साहित्य के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, जिसमें बच्चों के साथ दुर्व्यवहार शामिल है। यह पहले से ही गलत है, लेकिन पोर्नोग्राफी थोड़ी सामान्य है। चर्च के कामकाज सीख रहे पुजारियों से उन्होंने कहा कि आप लोगों को इस बारे में सावाधान रहना चाहिए।
पोप ने आगे कहा कि कहा कि डिजिटल पोर्नोग्राफी एक ऐसी बात है, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हैं। मैं इसका उच्चारण कर रहा हूं। "शुद्ध हृदय, जो प्रतिदिन यीशु को ग्रहण करता है, वह इस अश्लील जानकारी को प्राप्त नहीं कर सकता। अगर आप इसे अपने मोबाइल फोन से हटा सकते हैं, तो हटा दें।"
पोप ने कहा कि वह 64.3 मिलियन फॉलोअर्स होने के बावजूद ट्विटर के सक्रिय उपयोगकर्ता नहीं हैं क्योंकि मैं बहुत देर से पहुंचा। लोगों की एक टीम उनके विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स को मैनेज करती है।
गौरतलब है कि वेटिकन सिटी ने पिछले महीने ही यौन शोषण के आरोपों के बाद बीते दो वर्षों में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बिशप कार्लोस जिमिनीस पर कई अनुशासनात्मक प्रतिबंध लगाए थे। बिशप जिमिनीस 1990 के दशक में पूर्वी तिमोर में लड़कों का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरे हुए हैं।