तुर्की में 2016 के तख्तापलट को लेकर पायलटों, नागरिकों को आजीवन कारावास की सजा
By भाषा | Published: November 26, 2020 05:35 PM2020-11-26T17:35:00+5:302020-11-26T17:35:00+5:30
अंकारा, 26 नवंबर (एपी) तुर्की की एक अदालत ने, 2016 में तख्तापलट के एक असफल प्रयास में संलिप्तता के दोषी पाए गए कई सैन्य अधिकारियों और नागरिकों को एक हवाई अड्डे पर बृहस्पतिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह जानकारी सरकारी संवाद समिति ने दी।
राजधानी अंकारा के बाहरी इलाके में स्थित अकिंसी हवाई अड्डे पर पिछले तीन वर्षों से 475 लोगों पर मुकदमा चल रहा था जिनमें जनरल और लड़ाकू विमानों के पायलट भी शामिल हैं। इन सभी पर तख्तापलट करने और संसद भवन के एक हिस्से सहित महत्वपूर्ण सरकारी भवनों पर बमबारी करने का आदेश देने का आरोप है।
अमेरिका के मौलाना फतुल्ला गुलेन के नेतृत्व में एक नेटवर्क के संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ चल रहे दो मुख्य मुकदमों में यह बड़ा मुकदमा भी शामिल है। अंकारा का आरोप है कि गुलेन ने विफल प्रयास का षड्यंत्र रचा।
गुलेन ने तख्तापलट में संलिप्तता से इंकार किया है। तख्तापलट के प्रयास के कारण करीब 220 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग जख्मी हो गए थे। इसमें तख्तापलट के करीब 30 षड्यंत्रकारी भी मारे गए।
अनादोलु संवाद समिति ने बताया कि अदालत ने चार लोगों को देश के खिलाफ अपराध, राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास और हत्या के मामले में सजा सुनाई और उन्हें अलग-अलग 79 आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अनादोलु ने बताया कि कम से कम 21 प्रतिवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जिनमें पायलट और कमांडर भी शामिल हैं। अन्य प्रतिवादियों की सजा अभी नहीं सुनाई गई है।
अदालत ने कहा कि गुलेन और चार अन्य प्रतिवादियों पर आरोपों को लेकर अलग मुकदमा चलेगा।
अभियोजकों ने आरोप लगाया कि तख्तापलट के षड्यंत्रकारियों ने अकिंसी हवाई अड्डे का इस्तेमाल अपने मुख्यालय के तौर पर किया। तख्तापलट की रात को तुर्की के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल हुलिसी अकार और अन्य कमांडरों को कई घंटे तक हवाई अड्डे पर बंधक बनाकर रखा गया। हुलिसी वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री हैं।
तख्तापलट के बाद कार्रवाई के तहत मुकदमे की शुरुआत एक अगस्त 2017 को हुई थी, जिसके तहत करीब 77 हजार लोगों को कैद में डाला गया और एक लाख 30 हजार लोगों को सरकारी नौकरियों से निकाला गया।
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