लाइव न्यूज़ :

परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा लाहौर हाई कोर्ट ने की रद्द, विशेष अदालत को करार दिया असंवैधानिक

By भाषा | Updated: January 14, 2020 08:56 IST

डॉन अखबार की खबर के अनुसार लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के गठन को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी, न्यायमूर्ति मोहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति चौधरी मसूद जहांगीर की पीठ का सोमवार का यह फैसला मुशर्रफ की याचिका पर आया है।

Open in App
ठळक मुद्दे परवेज मुशर्रफ ने उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी। अपनी याचिका में मुशर्रफ ने लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को अवैध, क्षेत्राधिकार से बाहर और असंवैधानिक करार देते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी।

लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाली और उन्हें मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत के गठन को सोमवार को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। मीडिया में ऐसी खबरें हैं। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय मुशर्रफ को मौत की सजा सुनायी थी। छह साल तक उनके खिलाफ देशद्रोह के हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई चली थी। यह मामला 2013 में तत्कालीन पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने दायर किया था। 

डॉन अखबार की खबर के अनुसार लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के गठन को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी, न्यायमूर्ति मोहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति चौधरी मसूद जहांगीर की पीठ का सोमवार का यह फैसला मुशर्रफ की याचिका पर आया है। परवेज मुशर्रफ ने उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी। 

अपनी याचिका में मुशर्रफ ने लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को अवैध, क्षेत्राधिकार से बाहर और असंवैधानिक करार देते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी। उन्होंने उनकी इस याचिका पर फैसला आने तक विशेष अदालत के निर्णय को निलंबित रखने की भी मांग की है। जियो टीवी की खबर है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी कि मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया। अतिरिक्त अटार्नी जनरल इश्तियाक अहमद खान ने अदालत से कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार की संघीय कैबिनेट बैठकों के एजेंडे का हिस्सा नहीं था। खान ने अदालत में कहा, ‘‘ विशेष अदालत मंत्रिमंडल की औपचारिक मंजूरी के बगैर ही गठित कर दी गयी।’’

 उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ लगाये गये आरोपों में दम नहीं है क्योंकि कार्यकारी की आपात शक्तियों के तहत मौलिक अधिकार निलंबित किये जा सकते हैं। मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 1999 से लेकर 2008 तक शासन किया था और अब वह स्वनिर्वासन में दुबई में रहते हैं। पीएमएल एन सरकार ने नवंबर, 2007 में संविधानेत्तर आपातकाल लगाने को लेकर पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दायर किया था। इस आपातकाल के चलते ऊपरी अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में कैद कर लिया गया था और 100 से अधिक न्यायाधीश बर्खास्त कर दिये गये थे। 

टॅग्स :पाकिस्तानपरवेज मुशर्रफ
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

विश्वपाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जिंंदा हैं या नहीं!

विश्व अधिक खबरें

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका

विश्वTrump Health Report: व्हाइट हाइस ने जारी किया राष्ट्रपति ट्रंप का एमआरआई स्कैन, जानें हेल्थ रिपोर्ट में क्या आया सामने

विश्वबैंक्सी की करुणा और बड़ों के युद्ध में फंसे बच्चे