रमजान के महीने में पाकिस्तान के लोगों को नहीं मिल रहा आटा, सरकारी दुकानों पर पुलिस की पिटाई का सामना करना पड़ रहा है
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: April 1, 2023 04:42 PM2023-04-01T16:42:18+5:302023-04-01T16:43:44+5:30
पाकिस्तान इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई दर 30 फीसदी से ज्यादा हो गई है। पाकिस्तान आमतौर पर रमजान के महीने के दौरान राहत पैकेज देता है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी से जूझ रही सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है।

सरकारी दुकानों पर सब्सिडी वाला गेहूं मिलना मुश्किल
नई दिल्ली: पाकिस्तान में लोगों को रमजान के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि सस्ते गेहूं के आटे के लिए लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार आटे के लिए लंबी-लंबी कतारों में भगदड़ मचने से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
इसके अलावा पाकिस्तान में गेहूं के लिए कतार में खड़े लोगों की पुलिस की पिटाई का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस की लाठी से सैकड़ों लोगों को चोटें आई हैं और पहले से ही परेशान लोगों को गेहूं के आटे के बिना अपने घर वापस आना पड़ रहा है। आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में सैकड़ों परिवारों को सूखी रोटी और पानी से अपना उपवास तोड़ना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती महंगाई ने गेहूं के आटे के संकट को और भी दुखद बना दिया है। समोसा और पकौड़े जैसे साधारण स्नैक्स की कीमत इतनी अधिक है कि गरीब लोगों को ये भी नहीं मिल पा रहा है। सस्ता सरकारी आटा पाने के लिए लोग दुकानों के बाहर लाइन लगाते हैं फिर भी घंटों के इंतजार के बाद उन्हें वापस खाली हाथ लौटना पड़ता है। सरकारी दुकानों पर सब्सिडी वाला गेहूं मिलना मुश्किल है क्योकि इसे ब्लैक में ऊंची कीमत पर बेचा जा रहा है जिसे अमीर लोगों द्वारा बड़ी मात्रा में खरीदा जाता है।
बता दें कि पाकिस्तान इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई दर 30 फीसदी से ज्यादा हो गई है। पाकिस्तान आमतौर पर रमजान के महीने के दौरान राहत पैकेज देता है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी से जूझ रही सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है।
यहां आटा-दाल समेत खाने पीने एवं दैनिक उपयोग चीजों में भारी मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे जनता त्रस्त है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में प्याज की कीमत में 228.28 फीसदी, सिगरेट में 165.88 फीसदी, गेहूं के आटे में 120.66 फीसदी, गैस शुल्क में पहली तिमाही में 108.38 फीसदी और लिप्टन चाय में 94.60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा पाकिस्तान को जीवन-रक्षक दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी रूपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया है कि देश को जरूरी दवाओं के आयात में भी दिक्कतें आ रही हैं।