पैंडोरा पेपर्स के दस्तावेजों से हुआ खुलासा: कैसे धनी लोग कर बचाने के वास्ते अपने धन को छुपाते हैं

By भाषा | Updated: October 6, 2021 15:47 IST2021-10-06T15:47:27+5:302021-10-06T15:47:27+5:30

Pandora Papers documents reveal: How wealthy people hide their wealth to save tax | पैंडोरा पेपर्स के दस्तावेजों से हुआ खुलासा: कैसे धनी लोग कर बचाने के वास्ते अपने धन को छुपाते हैं

पैंडोरा पेपर्स के दस्तावेजों से हुआ खुलासा: कैसे धनी लोग कर बचाने के वास्ते अपने धन को छुपाते हैं

(बेवर्ली मोरन, विधि के प्रोफेसर एमेरिटा, वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय)

नैशविले (अमेरिका), छह अक्टूबर (द कन्वरसेशन) दुनियाभर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्तियों का खुलासा करने वाले ‘पैंडोरा पेपर्स’ में गोपनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि कैसे ऐसे लोग कर बचाने के वास्ते अपने धन को छुपाने के तरीके इस्तेमाल करते हैं।

लगभग एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों को मिलाकर तैयार की गई इस रिपोर्ट को ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) ने जारी किया जो दुनियाभर के मीडिया संगठनों के साथ काम करती है।

विश्व के नेताओं, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की संपत्तियों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ, पैंडोरा पेपर्स से पता चलता है कि कैसे कम कर दरों वाले कई देशों में कर से बचने के लिए धन छिपाया जाता है।

वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय के कराधान विशेषज्ञ बेवर्ली मोरन ने लीक हुए दस्तावेजों के संबंध में तीन तरीकों से चर्चा की।

कैसे अमीर लोग कर कमियों का उपयोग करते हैं। पैंडोरा पेपर्स ‘‘पनामा पेपर्स’’ नामक दस्तावेजों के इसी तरह के लीक होने के पांच साल बाद आये है। उन दस्तावेजों से पता चलता है कि दुनिया के सबसे धनी लोगों में से कितने लोग अपनी संपत्तियों को कम कर दरों वाले देशों या अधिकार क्षेत्र में रखकर किसी भी प्रकार के कर से बचते हैं।

पनामा पेपर्स के जवाब में, कई देशों ने उपाय किए जिससे पनामा पेपर्स में उजागर की गई कुछ तकनीकों को अप्रचलित बना दिया गया। पैंडोरा पेपर्स उस रणनीति को प्रकट करते हैं जो धनी लोगों ने अतीत में इस्तेमाल किए गए अब गुप्त साधनों को बदलने के लिए विकसित की हैं। विशेष रूप से, पैंडोरा पेपर्स कर लगाना कठिन बनाने में मुखौटा कंपनियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं।

मुखौटा कंपनियों की भूमिका:

एक मुखौटा कंपनी एक कानूनी इकाई है जो केवल कागज पर मौजूद होती है। यह कुछ भी उत्पादन नहीं करती है और न ही किसी को रोजगार देती है। इसका मूल्य एक प्रमाण पत्र में निहित है जो एक सरकारी कार्यालय में होता है। इस प्रमाणपत्र के साथ, मुखौटा कंपनी - जिसका एकमात्र उद्देश्य संपत्ति रखना और छिपाना है।

‘टैक्स हेवन’ के रूप में दक्षिण डकोटा

आईसीआईजे ने पंडोरा पेपर्स नाम से जो नए खुलासे किए हैं, उनसे सामने आया एक अहम तथ्य यह है कि अमेरिका का दक्षिण डकोटा राज्य भी अब एक ‘टैक्स हेवन’ बन गया है। उसका नाम उन स्थानों में शामिल हो गया है, जहां दुनिया के धनी लोग अवैध या अनैतिक ढंग से अपने धन को लाकर रखते हैं।

‘टैक्स हेवन’ उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है, या बिल्कुल कर नहीं लगता। ऐसे देशों में कर के अलावा भी बहुत सी गतिविधियां चलतीं हैं। ऐसे देश कर में किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं रखते है और न ही किसी प्रकार की वित्तीय जानकारी को साझा करते हैं। ये देश उन लोगों के लिए स्वर्ग हैं, जो कर चोरी करके पैसा यहां जमा कर देते हैं।

पैंडोरा पेपर्स में दक्षिण डकोटा का उल्लेख किया गया है क्योंकि कई अमीर लोग राज्य को टैक्स हेवन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, पैंडोरा पेपर्स में पहचाने गए 206 अमेरिकी ट्रस्टों में से - जिनके पास एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति है, 81 दक्षिण डकोटा से हैं।

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Web Title: Pandora Papers documents reveal: How wealthy people hide their wealth to save tax

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