जनरल कमर जावेद बाजवा ने जरदारी को दी थी मार्शल लॉ लगाने की धमकी, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने किया खुलासा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 15, 2023 03:39 PM2023-04-15T15:39:55+5:302023-04-15T15:41:29+5:30
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने कहा कि सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पिछले साल अप्रैल 2022 में उन्हें धमकी दी थी और कहा था कि अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो देश में मार्शल लॉ लगा दिया जाएगा।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देश के सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर एक टीवी कार्यक्रम के दौरान गंभीर आरोप लगाए। आसिफ अली जरदारी ने कहा कि सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पिछले साल अप्रैल 2022 में उन्हें धमकी दी थी और कहा था कि अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो देश में मार्शल लॉ लगा दिया जाएगा।
बाजवा की धमकी के बारे में बताते हुए आसिफ अली जरदारी ने बताया कि जब जनरल ने उनसे कहा कि "शेर की सवारी करना आसान है, लेकिन नीचे उतरना मुश्किल है" तो वह संयमित रहे और कहा कि आप ही देश संभाल लें। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि जब कमर जावेद बाजवा ने देश में मार्शल लॉ लगाने की धमकी दी तो हमने उन्हें आगे बढ़ने के लिए कहा। जरदारी ने बाजवा से कहा कि हम खेती करते हैं और अब आपको देश चलाना चाहिए। जवाब के बाद जनरल बाजवा अपने रुख से पीछे हट गए।
बाजवा ने जरदारी से यह भी कहा कि वह इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहेंगे और जरदारी से चुनाव के चरण में जाने का आग्रह किया। जरदारी ने बताया कि उन्होंने और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान दोनों ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। जरदारी ने कहा, "जब अविश्वास प्रस्ताव आया तो जनरल बाजवा ने हमें फोन किया और कहा कि अगर आप अविश्वास प्रस्ताव वापस लेते हैं तो मैं इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए राजी कर लूंगा।"
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी जियो न्यूज के साथ बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भी राजनीतिक दलों को एक साथ बैठना चाहिए और देश भर में तुरंत और एक साथ आम चुनाव कराने के लिए आम सहमति बनानी चाहिए।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली मुख्य विपक्षी पार्टी भी देश में जल्दी चुनाव कराने की मांग कर रही है। हालांकि पाकिस्तान की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि उसे आम चुनाव कराने का फैसला लेने से पहले सोचना पड़ रहा है।